Wednesday, 9 May 2012

रोटी, कपड़ा, मकान व रोजगार हर देश के लिए महत्वपूर्ण होता है

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 9 May 2012
अनिल नरेन्द्र
रोटी, कपड़ा, मकान और नौकरी हर देश के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है। चाहे वह विकसित देश हो, चाहे विकासशील देश हो। यह बात एक बार फिर फांस जैसे विकसित देश में साबित हो गई। राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी राष्ट्रपति का चुनाव हार गए हैं। सोशलिस्ट फंकोइस होलांदे फांस के अगले राष्ट्रपति होंगे। रविवार को हुए दूसरे चरण के निर्णायक मतदान में उन्होंने 57 पतिशत वोट हासिल कर निकोलस सरकोजी को शिकस्त दे दी। फांस में पहली बार कोई समाजवादी नेता राष्ट्रपति चुनाव जीता है। रविवार को मतदान खत्म होते ही सरकोजी ने हार स्वीकार कर ली। निकोलस सरकोजी ऐसे 11वें यूरोपीय नेता बन गए जिन्हें आर्थिक संकट के कारण सत्ता गंवानी पड़ी। जीत से उत्साहित ओलेंड समर्थकों ने रविवार को देशभर में सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया। फांस की जनता देश में बढ़ रही बेरोजगारी पर लगाम पाने में नाकामयाब रहने के कारण सरकोजी से खफा है। फांस की जनता ने अंतत राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को नकार दिया, वे चुनाव हार गए। इसी के साथ फांस भी आर्थिक मंदी के चलते सत्ता परिवर्तन होने वाले यूरोपीय देशों की सूची में शामिल हो गया। 2009 से चल रही मंदी की बयार ने इस दौरान वहां के सभी देशों के चुनावों को अपने लपेट में लिया। लिहाजा नई सरकार के रूप में दूसरे दल को सत्ता मिली। स्पेन में नवम्बर 2011 में चुनाव हुए। जोस लूइस रोड्रिगज के नेतृत्व की समाजवादी सरकार का सूपड़ा साफ हो गया। भ्रष्टाचार को लेकर वेश्यावृत्ति तक के आरोपों से घिरी इटली की बर्लूस्कोनी को नवम्बर 2011 में उस समय इस्तीफा देना पड़ा जब बढ़ते सरकारी कर्ज पर लगाम लगाने में उनकी काबिलियत से आम जनता का विश्वास उठ गया। ब्रिटेन में गार्डन ब्राउन की लेबर पार्टी मई 2010 में चुनाव हार गई। ब्राउन ने देश की आर्थिक अस्थिरता को दूर करने का भरोसा तो दिलाया लेकिन कामयाब नहीं हुए। लिहाजा कंजरवेटिब नेता डेविड कैमरुन पधानमंत्री बने। आयरलैंड में फरवरी 2011 बैंकिंग सफर के दौरान वित्तमंत्री रहे ब्रायन कोबेन को पद से इस्तीफा देना पड़ा। अक्तूबर 2009 में ग्रीस में समाजवादी नेता जार्ज पापेन्द्र सत्ता पर काबिज हुए थे। बिगड़ती वित्तीय स्थिति के बावजूद सरकारी खर्च पर नियंत्रण नहीं रख पाने के कारण आखिरकार दो साल के बाद देश की सबसे खराब वित्तीय हालत के समय उनके ही सहयोगियों ने उन्हें सत्ता छोड़ने पर विवश कर दिया। पुर्तगाल में 2011 में हुए चुनाव में जनता ने जोस सोकेंट्स की सरकार को विदा कर दिया। आर्थिक मंदी से घिरी डेनमार्प की सत्ताहीन सरकार को सितम्बर 2011 में नई साझा सरकार के लिए कुर्सी छोड़नी पड़ी। फिनलैंड में जून 2011 में चुनाव हुए। सरकार द्वारा यूरोप के संकटग्रस्त देशों को आर्थिक मदद दिए जाने का विरोध करने वाली व नेशनलिस्ट पार्टी का लोगों ने समर्थन किया। लिहाजा कंजरवेटिब के नेतृत्व वाली नई गठबंधन सरकार अस्तित्व में आई। जैसा मैंने कहा कि हर देश के लिए रोटी, कपड़ा, मकान और रोजगार महत्वपूर्ण है और जो सरकार इसे पूरा नहीं कर सकती उसे सत्ता में रहने का हक भी खत्म हो जाता है।
Anil Narendra, Daily Pratap, France, Hollande, Portuguese, Sarkozi, Vir Arjun

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