Sunday 17 June 2012

सीरिया में स्थिति विस्फोटक होती जा रही है

मध्य पूर्व एशिया में अशांति का माहौल खत्म ही नहीं होने का नाम ले रहा है। सीरिया में तो स्थिति बेहद विस्फोटक होती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक शांति दल सीरिया में भेजा है। इस शांति दल के प्रमुख का कहना है कि यहां अब गृह युद्ध की स्थिति है। टीम के सदस्यों ने कहा कि जब वह सीरिया के शहर हफा में घुसने का प्रयास कर रहे थे तो उन पर गोलियां चलाई गईं और वापस जाने के लिए उन्हें मजबूर किया गया। न्यूयार्प स्थित संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय में मेहर्व लेंडसॉस ने बताया कि सीरिया का बड़ा भाग अब सरकार के नियंत्रण से बाहर है। सीरिया के हालात लगातार बेकाबू होते जा रहे हैं। पिछले हफ्ते वहां तीन नरसंहार की घटनाएं हुईं। तीनों को मिलाकर सैकड़ों लोग मौत के घाट उतार दिए गए। उत्तरी हमा प्रांत में तो मौत का तांडव हुआ। राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार और विद्रोहियों के बीच किसी समझौते की स्थिति नहीं बन पा रही है। दोनों अपनी-अपनी जगह पर अड़े हुए हैं। सोवियत यूनियन के पतन के बाद भले ही दुनिया एक ध्रुवीय राजनीतिक व्यवस्था में चल रही हो लेकिन सीरिया के मुद्दे पर यह दो ध्रुवों के बीच बंटी नजर आ रही है। एक तरफ अमेरिका और उसके सहयोगी देश हैं तो दूसरी तरफ रूस, चीन और ईरान हैं। अमेरिका इस जिद्द पर अड़ा है कि राष्ट्रपति असद अविलम्ब सत्ता और देश, दोनों को छोड़कर चले जाएं। अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने तो रूस पर आरोप लगाया है कि वो सीरिया की बशर अल असद सरकार को हमले के लिए हैलीकाप्टर व अन्य जरूरी सैनिक सामग्री उपलब्ध करवा रहा है। अमेरिका कई बार असद को धमका चुका है। दूसरी ओर रूस, चीन और ईरान खुलेआम असद सरकार का समर्थन कर रहा है। ये तीनों ताकतें मिलकर असद सरकार को बचाने में जुटी हैं। इसकी एक खास वजह यह भी है कि रूस और चीन, दोनों सीरिया को हथियारों की सप्लाई करते हैं। एक तरह से असद सरकार के साथ इनके आर्थिक हित भी जुड़े हैं। ईरान के लिए सीरिया, सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका की अगुवाई में पश्चिमी शक्तियां ईरान के खिलाफ युद्ध करने तक की हद पर जाने की धमकी आए दिन दे रही हैं। रूस भी पुतिन के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका को आंखें दिखाने से चूकता नहीं और अमेरिकी दादागीरी को जहां और जब सम्भव हो, का विरोध करता है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव एवं यूएनओ व अरब लीग के संयुक्त विशेष दूत कोफी अन्नान ने सीरिया समस्या के समाधान का छह सूत्री फॉर्मूला तैयार किया है। इसके अनुसार एक अंतर्राष्ट्रीय ग्रुप का गठन होना है जिसमें सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के अतिरिक्त ईरान, तुर्की, सउदी अरब, कतर को भी शामिल किया जाएगा। अमेरिका और ब्रिटेन को इसमें शामिल करने के लिए कतई राजी नहीं है। ऐसे में सीरिया में खूनखराबा रोकने का रास्ता नजर नहीं आ रहा है। सीरिया में आज गृह युद्ध की स्थिति है। दोनों पक्षों के बीच में मर रहे हैं साधारण नागरिक। नरसंहार पर नरसंहार हो रहा है। अंधेरी सुरंग में कहीं भी कोई प्रकाश की किरण नजर नहीं आ रही है। हम सीरिया के नागरिकों को अपनी हमदर्दी पेश करते हुए उम्मीद करते हैं कि जल्द यहां शांति लौटे।

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