Tuesday 12 June 2012

क्या प्रणब मुखर्जी अगले राष्ट्रपति होंगे?


Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 12 June 2012
अनिल नरेन्द्र
रायसीना हिल्स पर स्थित राष्ट्रपति भवन में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के बाद कौन? यह आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं पर अब समय आ गया है कि यूपीए अपना उम्मीदवार घोषित करे। राष्ट्रपति पद के लिए वोटों का आंकड़ा कुछ इस तरह का है कि सोनिया गांधी की पसंद भी इस बार चलेगी। प्राप्त संकेतों से लग रहा है कि श्री प्रणब मुखर्जी सोनिया गांधी के पसंदीदा उम्मीदवार हो सकते हैं। खुद प्रणब दा भी लगता है कि राष्ट्रपति बनना चाहते हैं। उन्हें लग रहा है कि इस यूपीए-2 सरकार का भविष्य ज्यादा उज्ज्वल नहीं है। अगले चुनाव तक उनकी उम्र भी 80 के लपेटे में हो जाएगी और इस बात की सम्भावना भी ज्यादा नहीं लग रही कि कांग्रेस फिर सत्ता में आएगी इसलिए उन्हें बेहतर लग रहा है कि वह राष्ट्रपति भवन ही चले जाएं। अगर प्रणब राष्ट्रपति उम्मीदवार होते हैं तो कांग्रेस के सहयोगी दलों को भी एतराज नहीं होगा। विपक्षी दल भी उनके नाम पर सहमति दे सकते हैं। प्रधानमंत्री भी अपना वित्त मंत्री बदलना चाहते हैं। अगले चुनावों में अगर जोड़-तोड़ की सरकार बननी है तो भी कांग्रेस की दृष्टि से प्रणब दा पार्टी के लिए लाभदायक हो सकते हैं। चुनाव आयोग की ओर से बुधवार तक राष्ट्रपति चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो नोटिफिकेशन के तुरन्त बाद पार्टी उम्मीदवार का ऐलान सोनिया गांधी कर सकती हैं। डीएमके नेता स्टालिन ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए यूपीए उम्मीदवार के बारे में डीएमके ने एके एंटनी को बता दिया है। डीएमके, शरद पवार, अजीत सिंह सभी ने दादा के नाम पर सहमति दे दी है। रहीं ममता बनर्जी तो उनकी पहली पसंद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार हैं पर बंगाली होने के नाते ममता भी अंतत प्रणब का समर्थन कर देंगी, क्योंकि अगर एक बंगाली रायसीना हिल्स आएगा तो बंगाल की शान बढ़ेगी। दूसरी तरफ इस सरकार का दो साल का कार्यकाल बचा है। प्रणब दा सरकार के संकट मोचन साबित हुए हैं। उन्होंने अनेक बार सरकार की फजीहत होने से बचाया है। ऐसे संवेदनशील वक्त में जब भारत की अर्थव्यवस्था दबाव में है, संकट के दौर में है, प्रणब के कैबिनेट से हटने से कामकाज पर असर पड़ेगा। नए वित्त मंत्री को सक्रिय होने में वक्त लग सकता है। साथ ही सरकार के पास इस पद के लिए फिलहाल कोई मजबूत विकल्प भी तो नहीं है। प्रधानमंत्री खुद यह पद सम्भाल सकते हैं। पी. चिदम्बरम को गृह मंत्रालय से हटाकर वित्त मंत्रालय में ला सकते हैं। रंगराजन को वित्त मंत्री बना सकते हैं इत्यादि-इत्यादि पर यह काम आसान नहीं होगा। यह किसी से छिपा नहीं कि सोनिया गांधी और प्रणब मुखर्जी के आपसी संबंध ज्यादा अच्छे नहीं हैं। प्रणब कभी भी सोनिया के करीबी नहीं रहे। राजीव गांधी का साथ छोड़ने का दुख अब तक कहीं न कहीं सोनिया गांधी को जरूर है। ऐसे में प्रणब सोनिया के स्वाभाविक पसंद शायद नहीं होंगे। मौजूदा राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है। प्रणब मुखर्जी के अलावा कुछ और नाम भी दौड़ में हैं। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, श्री मोती लाल वोरा, डॉ. कर्ण सिंह कांग्रेस से हैं और एनसीपी नेता पीए संगमा भी अपनी दावेदारी पेश करने के लिए खूब भागदौड़ कर रहे हैं। इसके अलावा टुकड़ों में गैर-राजनीतिक हस्तियों की दावेदारी की बात भी सामने आई है। देखें सोनिया गांधी की पसंद कौन होता है।
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