Sunday, 24 June 2012

राशिद अल्वी जैसे दोस्त हों तो दुश्मनों की जरूरत नहीं

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 24 June 2012
अनिल नरेन्द्र
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी जैसे दोस्त हों तो कांग्रेस को दुश्मनों की कोई जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि मुरादाबाद की एक चुनावी सभा में बोलते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव भाजपा के एजेंट हैं। उन्होंने कहा कि मैं यह बात बहुत पहले से कहता आ रहा हूं। मैं पिछले 10 वर्षों से कह रहा हूं कि इस देश में अगर भारतीय जनता पार्टी का सबसे बड़ा एजेंट कोई है तो वो मुलायम सिंह यादव हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस देश में भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर कोई नाचता है तो वो मुलायम सिंह यादव हैं। सपा का इस बयान से नाराज होना स्वाभाविक ही था। सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने प्रतिक्रिया स्वरूप कहा कि अल्वी की दिमागी हालत ठीक नहीं है, वह पगला गए हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि कांग्रेस अपने सांसद को सबक सिखाए। कांग्रेस को सोचना चाहिए कि उसे अल्वी जैसे पुंठित और वाचाल नेताओं का इलाज कैसे करना है। राशिद अल्वी का बयान उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता और बीमार मानसिकता का द्योतक है। वे इतने अज्ञानी हैं कि यह नहीं जानते कि मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सपा ने यदि सांप्रदायिक भाजपा के विरुद्ध मोर्चा नहीं खोला होता तो केंद्र में यूपीए सरकार बन ही नहीं पाती। परमाणु करार के समय भी मुलायम सिंह यादव ने ही केंद्र की सरकार बचाई थी। कांग्रेस को ऐसे ही अनर्गल बयानों की वजह से पिछले चुनावों में कीमत चुकानी पड़ी है। अल्वी को `मुस्लिमों के हत्यारे' नरेन्द्र मोदी का समर्थक बताते हुए उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन ने कहा कि अल्वी उन मुलायम सिंह यादव के बारे में ऐसा बयान दे रहे हैं जिन्होंने बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। मुलायम ही देश के एकमात्र ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने मुसलमानों के हितों से जुड़े मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया। सपा की नाराजगी भांपकर कांग्रेस पार्टी ने अल्वी के बयान को सिरे से खारिज करते हुए इसे अनुचित बताया। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि पार्टी इस बयान से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि अल्वी शायद चुनावी आवेश में बोल गए। उधर जनता पार्टी अध्यक्ष डाक्टर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मौके का पूरा फायदा उठाते हुए कांग्रेस पर हल्ला बोल दिया। जनता पार्टी के मेयर पद के प्रत्याशी के प्रचार में लखनऊ आए डॉ. स्वामी ने गुरुवार को पीए संगमा की वकालत करते हुए कहा कि देश में अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाने की जरूरत है। प्रणब मुखर्जी पर उन्होंने सोनिया गांधी के भ्रष्टाचार में हिस्सेदार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि विदेशों में जमा नेहरू खानदान के 70 लाख करोड़ रुपये को बचाने के लिए प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने की उनकी मजबूरी है। उन्होंने कहा कि संगमा ईसाई भी हैं और कोई ईसाई राष्ट्रपित नहीं बना है। मुलायम सिंह यादव को अपना भाई बताते हुए उन्होंने कहा कि वह उन्हें समझाएंगे कि यूपीए का दामन छोड़ें और बेइज्जत न हों, अपना सम्मान बचाएं। स्वामी ने कहा कि राशिद अल्वी का मुलायम को भाजपा का एजेंट बताना अनायास नहीं है। भले ही कांग्रेस अल्वी के बयान को उनके निजी विचार बताए लेकिन यह कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। एक तरह से कहा जाए कि मुलायम सिंह यादव से सोनिया गांधी 1999 का बदला ले रही हैं जब मुलायम की वजह से सोनिया प्रधानमंत्री नहीं बन पाई थीं। स्वामी ने मुलायम को नसीहत देते हुए कहा कि मौका अच्छा है। मुलायम कांग्रेस का साथ छोड़ दें वरना इसी तरह से बेइज्जत होते रहेंगे। उन्होंने अखिलेश यादव की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे नेहरू खानदान के लोगों जैसे मैट्रिक फेल नहीं हैं।
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