Wednesday 27 June 2012

अबू जिन्दाल उर्प अबू हमजा की गिरफ्तारी कसाब के बाद सबसे बड़ी उपलब्धि है

कुख्यात आतंकवादी सैयद जबीउद्दीन उर्प अबू हमजा उर्प अबू जिन्दाल को 21 जून को दिल्ली के इन्दिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया है। दरअसल अबू हमजा को सउदी अरब पुलिस ने पकड़ा था और उन्होंने उसे दिल्ली आने वाली फ्लाइट में बिठा दिया और दिल्ली पुलिस को सूचित कर दिया था कि हमजा फलानी फ्लाइट से नई दिल्ली भेजा जा रहा है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने उसे हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया। अजमल कसाब के बाद अब हमजा सबसे बड़ा आतंकी है, जिसे गिरफ्तार किया गया। मुम्बई हमले के वक्त हमजा कराची के कंट्रोल रूम में बैठे अपने पांच साथियों के साथ आतंकियों को निर्देश दे रहा था। अबू ने स्वीकार किया है कि उसने इस मॉड्यूल के मास्टर माइंड जकीउर रहमान लखवी के साथ काम किया था। मुम्बई हमले के बाद वह कुछ समय पाकिस्तान में रहा और फिर सउदी अरब चला गया। वह वहां शिक्षक के रूप में काम कर रहा था। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए इंडियन मुजाहिदीन के 12 आतंकियों में से एक पाकिस्तानी मूल के मोहम्मद आदिल ने अबू के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया था। मुम्बई हमले के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने लश्कर आतंकियों व पाकिस्तान में उनके आकाओं के बीच हुई बातचीत को रिकॉर्ड किया था। इस दौरान किसी को कुछ खास हिन्दी के शब्द बोलते हुए सुना गया। बाद में यह आवाज अबू जिन्दाल की पाई गई। सामने यह भी आया कि उसने ही आतंकियों को अपनी पाकिस्तानी पहचान छिपाने और खुद को हैदराबाद के टोली चौक से संबंधित डेक्कन मुजाहिदीन से जुड़ा होने की बात कही थी। हमलों में अबू की संलिप्तता का उल्लेख मुम्बई हमलों में जीवित पकड़े गए एकमात्र आतंकी अजमल कसाब ने किया था। उसने कहा था कि अबू जिन्दाल नाम के व्यक्ति ने 10 आतंकियों को हिन्दी सिखाई थी। मुम्बई पर 26/11 को हुए आतंकवादी हमले में अबू जिन्दाल ने स्पेशल सेल और एनआईए के सामने अपना गुनाह कुबूल कर लिया है। अबू जिन्दाल से पूछताछ कर रहे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उसने मुम्बई हमले के दौरान 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों को सैटेलाइट फोन पर निर्देश दिए थे। उसने बताया कि हमले के दौरान वह लश्कर के सरगना जकीउर रहमान लखवी, अब्दुल रहमान अब्बी और पाकिस्तानी सेना के किसी मेजर के साथ कराची में था। वे लोग टीवी पर हमले की लाइव तस्वीरें देखकर आतंकियों को डिफेंस और अटैक के बारे में हिदायत दे रहे थे। यह खुशी की बात है कि सउदी अरब ने ऐसे खतरनाक आतंकी को भारत को सौंपने में मदद की है। आतंकवाद को लेकर भारत और सउदी अरब के बीच पिछले कुछ सालों में समझौते हुए हैं। इनके आधार पर सउदी अरब ने भारत को आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद की है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि भारतीय खुफिया एजेंसियों को यह सूचना मिली थी कि अबू सउदी अरब में है। दो जून को तीस हजारी कोर्ट ने जबीउद्दीन के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी करवा लिया था। इस वारंट के आधार पर सरकारी तौर पर इंटरपोल की मदद से सउदी सरकार को अबू के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद सउदी अरब सरकार ने अबू को पकड़ लिया। उसे 21 जून को दिल्ली डिपोर्ट किया गया, जहां हवाई अड्डे पर उसे स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया। अबू जिन्दाल उर्प अबू हमजा का पकड़ा जाना बहुत महत्वपूर्ण घटना है। अजमल कसाब के बाद यह सबसे बड़ी गिरफ्तारी है। इसकी गिरफ्तारी से न केवल 26/11 की सारी कार्रवाई कैसे की गई, किसने करवाई, की पुष्टि होगी बल्कि वह तमाम आरोप साबित हो जाएंगे जो भारत की सुरक्षा व खुफिया एजेंसियां लगाती आ रही हैं। इसकी गिरफ्तारी से पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हुआ है। इससे न केवल 26/11 आतंकी हमले का केस मजबूत होगा बल्कि यह भी पता चल सकेगा कि इस खूंखार देश को झिझोड़ने वाले हमले में और कौन-कौन शामिल था। इस हमले में हम हमेशा से कहते रहे हैं कि बेशक हमला 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने किया हो पर इस अंजाम तक पहुंचाने में भारत में बैठे उनके समर्थकों ने भी विशेष भूमिका निभाई होगी। अब शायद इनकी पहचान करने में भी मदद मिले। जहां दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने उल्लेखनीय काम किया है वहीं हमें सउदी अरब की सरकार का धन्यवाद करना होगा जिन्होंने इस खूंखार वांछित आतंकी को गिरफ्तार करने और सजा भुगतने के लिए भारत को सौंपा।

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