Tuesday 12 June 2012

डिम्पल ने न केवल इतिहास रचा बल्कि करोड़ों का खर्च बचाया


Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 12 June 2012
अनिल नरेन्द्र
उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव (35) ने शनिवार को नया राजनीतिक इतिहास रच डाला। कन्नौज की लोकसभा सीट से शनिवार को जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी ने डिम्पल को निर्विरोध सांसद घोषित कर दिया। 23 साल बाद लोकसभा में निर्विरोध कोई सांसद चुना गया। कन्नौज को इतिहास के पन्नों में जगह बनाने को बस अधिकृत घोषणा का इंतजार था जो शनिवार को पूरा हो गया। समाजवादी आंदोलन के महानायक डॉ. राममनोहर लोहिया को लोकसभा में भेजने के साथ ही मुलायम सिंह को जिताने व अखिलेश यादव को सांसद कन्नौज ने ही बनाया था। कन्नौज ने यह भी जता दिया है कि मायावती की पूर्व सरकार के कुशासन के खिलाफ जो जनाक्रोश कन्नौज में पहले था, वह आज भी कायम है। डिम्पल यादव प्रदेश की पहली ऐसी महिला हैं जिनके खिलाफ चुनाव लड़ने को कोई तैयार नहीं हुआ। डिम्पल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद सीट से चुनाव लड़ी थीं। उस चुनाव में बॉलीवुड अभिनेता और कांग्रेस उम्मीदवार राज बब्बर ने शिकस्त दी थी। कांग्रेस, बीजेपी और बीएसपी पहले ही उम्मीदवार न उतारने का फैसला कर चुकी थी। बाकी बचे निर्दलीय उम्मीदवारों संजू कटियार और दशरथ संखवार ने शुक्रवार को पर्चे वापस ले लिए। आजादी के बाद से अब तक 44 सांसद निर्विरोध चुने जा चुके हैं लेकिन 1989 के बाद यह पहला मौका है जब कोई सांसद निर्विरोध चुनकर लोकसभा पहुंचेगा। डिम्पल के विरोध में किसी प्रत्याशी के नहीं होने से न केवल चुनाव के तामझाम से छुटकारा मिला बल्कि सरकार के करीब 30 करोड़ रुपये भी बच गए। कर्मचारियों को ड्यूटी कटाने के लिए न तो अधिकारियों के आगे गिड़गिड़ाना पड़ा और न ही मतदाताओं को धूप में खड़ा रहना पड़ा। पार्टी कार्यकर्ता भी भागदौड़ से बच गए। साथ ही चुनावी तामझाम नहीं होने से अधिक फायदा राजकोष को हुआ है, अगर चुनाव होता तो मतदान की तैयारियों से लेकर मतगणना तक करीब 30 करोड़ रुपये खर्च हो जाते। सर्वाधिक खर्च तो कर्मचारियों और पैरामिलिट्री फोर्स के भत्ते और उनके रहने पर खर्च होता। अधिकारियों के मुताबिक पांचों विधानसभाओं में 10-15 हजार पुलिस, पीएसी और अन्य पैरामिलिट्री मंगाने की तैयारी थी। साथ ही पूरे चुनाव में 12,500 से अधिक कर्मचारियों को लगाना पड़ता। 200 ऐसे बूथ थे जिनकी हालत खराब थी और उसे ठीक करने में लाखों रुपये का खर्च आता। यह सब बच गया। डिम्पल यादव मुलायम सिंह परिवार की पांचवीं ऐसी सदस्य हैं जो इस समय सांसद हैं। इस दृष्टि से मुलायम सिंह यादव परिवार आज देश का सबसे हाई पॉवर परिवार बन गया है। कुछ मायनों में तो यह नेहरू-गांधी परिवार से भी ज्यादा ताकतवर बन गया है। मुलायम सिंह खुद लोकसभा सांसद हैं। बेटा अखिलेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। भाई रामगोपाल यादव राज्यसभा सांसद हैं। भाई शिवपाल यादव यूपी सरकार में मंत्री हैं। बहू डिम्पल यादव लोकसभा सांसद हैं। इसके अलावा संगठन, पंचायतों में यादव परिवार के कई सदस्य विभिन्न पदों पर आसीन हैं। कहने को नेता लोग वंशवाद को बढ़ावा न देने की बात करते हैं पर वंशवाद के बढ़ावे का यह एक उदाहरण है।
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