Saturday, 20 September 2014

गंदगी फैलाने वालों पर कार्रवाई करने की एमसीडी की पहल

दिल्ली की दशा सुधारने के लिए प्रस्तावित सैनिटेशन बायलॉज को लागू करने के लिए 1957 में  बनाए गए निगम एक्ट में संशोधन किया जाएगा। यह इसलिए जरूरी है कि इसे लागू करने में निगम एक्ट आड़े आ रहा है। इस पूरी व्यवस्था को देख रहे नगर निगम दक्षिणी के आयुक्त मनीष गुप्ता का कहना है कि मामले को उपराज्यपाल के सामने रखा गया है। महामहिम ने निगम एक्ट में संशोधन की बात को स्वीकार कर लिया है और इसके लिए शीघ्र ही एक प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा जाएगा। फिर इसे स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। गंदगी फैलाने, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, पेशाब या शौच करने वालों को अब राजधानी में भारी जुर्माना देना होगा। ऐसा नहीं करने पर जेल की भी हवा खानी पड़ेगी। इसके लिए दिल्ली में सैनिटेशन बायलॉज लागू करने के लिए नगर निगम गंभीर है। आदेशों के पालन कराने के लिए निजी कंपनियों के माध्यम से न्यूसेंस डिटेक्टर तैनात रहेंगे। इन लोगों का काम उसी तरह का होगा जिस तरह से यातायात पुलिस अपना काम करती है। निगम ने 2012 में दिल्ली सरकार के पास सैनिटेशन बायलॉज को स्वीकृति के लिए भेजा था। उस समय थूकने व सार्वजनिक स्थानों पर पेशाब करने के लिए दो सौ रुपए जुर्माने का प्रस्ताव भेजा गया था। मगर अब निगम ने इसे बढ़ाकर पांच सौ रुपए कर दिया है। मुंबई में कुछ वर्ष पूर्व ही सैनिटेशन बायलॉज लागू किए जा चुके हैं। सार्वजनिक स्थल के लिए सैनिटेशन बायलॉज में जो प्रावधान होंगे वह हैंöथूकने पर पांच सौ रुपए जुर्माना। पेशाब करने पर पांच सौ रुपए जुर्माना। कूड़ा फेंकने पर 200 रुपए जुर्माना, कार धोने पर एक हजार रुपए जुर्माना। शौच करने पर एक हजार रुपए जुर्माना। कुत्ते को सार्वजनिक स्थल पर शौच कराने पर 500 रुपए जुर्माना। सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने पर दो सौ रुपए जुर्माना। घर के आगे कूड़े की पॉलीथिन फेंकने पर 500 रुपए जुर्माना और खतरनाक कचरे को अलग नहीं रखने पर 10 हजार रुपए तक का जुर्माना प्रस्तावित है। नॉर्थ एमसीडी ने अपने अधीन क्षेत्रों को साफ-सुथरा रखने के लिए तो कड़ा रुख अख्तियार करना भी शुरू कर दिया है। गंदगी फैलाने के लिए आम लोगों पर तो कार्रवाई हो ही रही है। अब एमसीडी ने सरकारी एजेंसियों पर भी कार्रवाई का मन बना लिया है। सरकारी एजेंसियों पर कार्रवाई बाकायदा प्रूफ यानि सुबूतों के साथ की जाएगी। एमसीडी के इस तरह से एक्टिव होने का कारण 100 दिन का सफाई अभियान है जो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर नॉर्थ एमसीडी ने शुरू किया है। नॉर्थ एमसीडी के मेयर योगेन्द्र चांदोलिया ने कहा कि दिल्ली को साफ-सुथरा रखने के लिए जो भी करने योग्य काम होंगे एमसीडी जरूर करेगी। इसके लिए हमें सख्ती बरतनी पड़ेगी, तो वह भी हम करेंगे। हम एमसीडी द्वारा इस सफाई अभियान का समर्थन करते हैं पर एक दिक्कत नजर यह आती है कि कानून तो बन जाएगा पर इसे लागू करना इतना आसान नहीं होगा। जरूरत इस बात की भी है कि दिल्लीवासियों को यह सोचने पर मजबूर किया जाए कि यह उनके हित में ही है कि वह दिल्ली को साफ-सुथरा बनाने में मदद करें।

-अनिल नरेन्द्र

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