Tuesday 2 September 2014

दंगा आरोपी संगीत सोम को जैड सुरक्षा पर मचा बवाल

केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के आरोपी भाजपा विधायक संगीत सोम को जैड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है। केंद्र के इस फैसले पर सियासी बवाल मचना स्वाभाविक ही था। उत्तर प्रदेश के गृह सचिव कमल  सक्सेना ने मंगलवार को कहा कि हमें इस बारे में कोई पत्र नहीं मिला है और ऐसे में वर्तमान में दी जा रही वाई श्रेणी की सुरक्षा जारी रहेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा दिए जाने को राज्य का विषय बताते हुए मंगलवार को कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी भाजपा विधायक संगीत सोम को जैड प्लस देने से पहले केंद्र ने उनसे कोई जानकारी नहीं ली। कमल सक्सेना ने कहा कि किसी को सुरक्षा देने के अपने नियम-कायदे हैं और सुरक्षा जारी रखने या वापस लेने का फैसला अभिसूचना ब्यूरो और राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक में लिया जाता है। कांग्रेस समेत विपक्ष ने सरकार के इस फैसले को लेकर उसकी मंशा पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष का कहना है कि दंगा आरोपी को जैड श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराना पीड़िताओं के साथ कूर मजाक है। वहीं दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि खुफिया एजेंसियों के इनपुट और खतरे को देखते हुए सोम को यह सुरक्षा मुहैया कराई गई है। हालांकि सांप्रदायिक दंगों या अन्य संवेदनशील मामले में आरोपी किसी भाजपा नेता को उच्च स्तरीय सुरक्षा उपलब्ध कराए जाने का यह पहला मामला नहीं है। इसकी शुरुआत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से होती है। शाह सोहराबुद्दीन और तुलसी प्रजापति फर्जी एनकाउंटर मामले में आरोपी हैं। इसके बावजूद उन्हें भी उच्च स्तरीय सुरक्षा मिली हुई है। सच्चाई तो यह है कि भाजपा के ज्यादातर दिग्गज नेता जो इस तरह के मामलों में आरोपी हैं, सभी को जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल बनाए गए कल्याण सिंह का भी नाम इसमें है। फैजाबाद के पूर्व सांसद विनय कटियार को भी यह सुरक्षा मुहैया कराई जा चुकी है। कांग्रेस ने सोम को जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराए जाने पर पलटवार किया है। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी का कहना है कि सोम को दी गई सुरक्षा वापस ली जाए। इससे अल्पसंख्यकों में असुरक्षा का माहौल पैदा होगा। कांग्रेस के ही मनीष तिवारी ने कहा कि दंगों में जो लोग मारे गए, जिनके घर जलाए गए उनके साथ इससे बड़ा कोई मजाक नहीं हो सकता। वहीं जद (यू) महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जैड श्रेणी की सुरक्षा न केवल सोम की रक्षा के लिए है बल्कि उन्हें निर्दोष लोगों की हत्या के लिए लाइसेंस उपलब्ध कराया गया है। दूसरी ओर गृह मंत्रालय ने तर्प दिया है कि सोम पर दर्ज मुकदमों से उन्हें सुरक्षा देने का कोई संबंध नहीं है, मुकदमों का संबंध राज्य सरकार और अदालतों से है। सरकार ने सोम की सुरक्षा के लिए खतरे का जायजा लिया है और इस नतीजे पर पहुंची कि अगर सोम पर हमला हुआ तो यूपी का माहौल और खराब होगा। अगर अखिलेश सरकार ने सुरक्षा दे दी होती तो केंद्र को यह निर्णय लेने की जरूरत नहीं पड़ती। बहरहाल केंद्र के इस फैसले से अखिलेश सरकार ऊहापोह में है। जब हमारे पास केंद्र से कोई औपचारिक आदेश आता है तो भाजपा विधायक की सुरक्षा का आंकलन किया जाएगा।

-अनिल नरेन्द्र

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