Wednesday 24 September 2014

प्रशांत भूषण ने बुरी तरह फंसाया सीबीआई निदेशक सिन्हा को

2जी स्पेक्ट्रम और कोयला घोटाले के आरोपियों से अपने सरकारी आवास पर मिलने के आरोप में  बुरी तरह फंसे सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा विवादित गेस्ट लिस्ट की खामियों से ही बचाव का रास्ता निकालने की कोशिश में हैं। इस दौरान यह आरोप सिन्हा पर लगाने वाली स्वयंसेवी संस्था सीपीआईएल ने सूचना देने वाले का नाम बताने से इंकार कर दिया है। संस्था ने व्हिसल ब्लोअर की सुरक्षा का हवाला देते हुए उसकी पहचान उजागर करने से इंकार कर दिया। हालांकि जनहित की दुहाई देते हुए कोर्ट से अनुरोध किया है कि रंजीत सिन्हा को 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच से अलग किया जाए। सीपीआईएल ने यह बात सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हल्फनामे में कही है। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को तब तनावपूर्ण स्थिति बन गई जब सीबीआई डायरेक्टर के वकील के रवैये से बुरी तरह झल्लाए चीफ जस्टिस ने उन्हें कड़ी चेतावनी दे डाली। जजों ने सुनवाई 17 अक्तूबर के लिए टालते हुए कहा कि हम दोनों मामलों पर केंद्र सरकार का व्यू जानना चाहते हैं। रंजीत सिन्हा के खिलाफ अर्जी पर करीब डेढ़ घंटे की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखे शब्दों का इस्तेमाल हुआ। जांच एजेंसी के डायरेक्टर के वकील को तेज आवाज में आपत्तियां उठाकर और डायरेक्टर के खिलाफ दायर करने वाले याचिकाकर्ता को अपनी दलीलें पेश करने में व्यवधान डालकर इस प्रकरण की एक तरह से सुनवाई ठप कराने के लिए कोर्ट की फटकार भी सुननी पड़ी। गौरतलब है कि सीबीआई डायरेक्टर पर प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया था कि उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में संदिग्ध आरोपियों का फेवर किया और केस कमजोर किया। भूषण ने इसके लिए सीबीआई डायरेक्टर के घर के बाहर रखे विजिटर रजिस्टर में दर्ज नामों का हवाला दिया। उधर रंजीत सिन्हा ने घर की विजिटर डायरी की सत्यता व उसके स्रोत का खुलासा न करने पर सवाल खड़े करते हुए मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट से भी अपने खिलाफ नोटिस रुकवा लिया। सिन्हा के वकील ने कहा कि विवादित डायरी के स्रोत का मामला जस्टिस एमएल दत्तू (सीजेआई चयनित) की कोर्ट में लंबित है। ऐसे में इस मुद्दे पर उनके फैसले के बिना कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। अटार्नी जनरल ने भी कहा कि कोर्ट को इस मामले को तीन हफ्ते के लिए स्थगित कर देना चाहिए। इस दौरान जस्टिस दत्तू की कोर्ट के रुख का भी पता चल जाएगा। मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की तीन जजों की पीठ के समक्ष शुक्रवार को सिन्हा के वकील विकास सिंह ने कहा कि प्रशांत उस डायरी के बारे में बात कर रहे हैं जिसकी सत्यता पर एमएल दत्तू की पीठ प्रशांत भूषण से  जवाब मांग चुकी है। सीबीआई निदेशक को Šजी स्पेक्ट्रम मामले में 15 और कोयला घोटाला मामले में अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देना है। सिन्हा अपनी पत्नी के साथ 8 से 17 अप्रैल तक इटली और वैटिकन सिटी की यात्रा पर थे, लेकिन गेस्ट लिस्ट में मुलाकात करने वालों की एंट्री को आधार बनाया जा सकता है। वकील प्रशांत भूषण की ओर से सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई कथित लिस्ट में वैसे कुछ लोगों के भी नाम मौजूद हैं जो उनकी अनुपस्थिति में सिन्हा के सरकारी आवास  गए और करीब दो घंटे का समय बिताया। यह हाई-प्रोफाइल केस है और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन भी है, इसलिए इस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती।

-अनिल नरेन्द्र

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