Sunday, 9 August 2015

बैक डोर से बिजली और महंगी करने की योजना!

दिल्लीवासी बिजली कंपनियों की धांधलियों से हैरान-परेशान हैं। एक तरफ तो बिजली के बिल बढ़ते जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बिजली कट भी बढ़ती जा रही है। बिजली के मीटर तेज भागते हैं, यह शिकायत हर उपभोक्ता की लगातार बढ़ रही है। मजबूरी में उसे बिल तो चुकाना ही पड़ रहा है। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) को बिजली दरें नहीं बढ़ाने की सख्त चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यदि बिजली की दरें बढ़ाने की कोशिश हुई तो दिल्ली सरकार और विधायक दिल्लीवासियों के साथ सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। हम आम आदमी पार्टी की सरकार व विधायकों की इस मांग का समर्थन करते हैं। विधायकों का तर्प था कि वर्ष 2002 में जब बिजली वितरण का काम निजी हाथों में सौंपा गया था तो उस समय 60 फीसद बिजली की चोरी होती थी जो अब 15 फीसद रह गई है। ट्रांसमिशन लॉस में भी कमी आई है। इसका सीधा लाभ बिजली कंपनियों को मिल रहा है। कंपनियां सस्ती बिजली खरीद कर महंगी दरों पर बेच रही हैं। फ्यूल चार्जेज के नाम पर उपभोक्ताओं से अतिरिक्त शुल्क वसूला जा रहा है। इसके बावजूद कंपनियां घाटे की बात कर बिजली की दरें बढ़ाने की मांग कर रही हैं। महंगी बिजली से परेशान दिल्लीवासियों का गुस्सा डीईआरसी पर भी निकल रहा है। लोग इसकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। आरोप लग रहा है कि आयोग को उपभोक्ताओं के बजाय बिजली वितरण कंपनियों के हित का ज्यादा ख्याल है। इसलिए दिल्ली में बिजली महंगी होती जा रही है। आरडब्ल्यूए के अन्य प्रतिनिधियों ने आयोग के चेयरमैन पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इन बिजली वितरण कंपनियों पर कोई अंकुश नहीं है। बिजली लोड बढ़ाकर उपभोक्ताओं से ज्यादा बिल वसूले जा रहे हैं, लेकिन बिजली कंपनियां बिजली वितरण के लिए अपने नेटवर्प में सुधार नहीं कर रही हैं क्योंकि डीईआरसी का इन पर कोई अंकुश नहीं है। आयोग के काम से कोई खुश नहीं है। इन आरोपों के बाद डीईआरसी थोड़ी चौकस हुई है। कंपनियों ने बिजली सप्लाई सुधारने के लिए कितने ट्रांसफार्मर, ग्रिड, सब-स्टेशन और फीडर आदि लगाए हैं अब इन सब की फिजिकल वेरिफिकेशन कराई जाएगी यह कहना है आयोग का। आयोग के चेयरमैन पीडी सुधाकर ने इसकी पुष्टि की है। इस मामले में आयोग के अधिकारियों ने बताया कि हम इन निजी बिजली कंपनियों के उन खर्चों की ग्राउंड रिएलिटी जांचेंगे जिसमें बिजली सप्लाई में सुधार लाने के लिए अतिरिक्त ट्रांसफार्मर्स, ग्रिड और सब-स्टेशन लगाने के अलावा अंडरग्राउंड और ओवरहैड बिजली चोरी रोकने के लिए किए गए उपाय और मीटर आदि लगाए गए हैं। बिजली की नई कीमतें बढ़ाने की बात हो रही है। हालांकि आम आदमी पार्टी से लेकर तमाम आरडब्ल्यूए और ट्रेड एसोसिएशनों ने बिजली कीमतें बढ़ाने का विरोध किया है, इसके बावजूद बिजली के बिलों में इजाफा होने का अंदेश है। यह सीधे तौर पर टैरिफ में बढ़ोत्तरी के बजाय दूसरे रास्ते से हो सकता है, चार्ज के स्लैब में बदलाव करके। तीनों बिजली कंपनियों ने 20 फीसदी तक बिजली कीमतें बढ़ाने की डिमांड की है। उपभोक्ताओं की सारी नजरें अब डीईआरसी पर टिकी हैं। जनता के हितों की रक्षा करने के लिए बनाई गई यह डीईआरसी जनता की बजाय इन खून चूसने वाली वितरण कंपनियों की चिन्ता कम कर जनता की चिन्ता ज्यादा करे तो सबका भला होगा।

-अनिल नरेन्द्र

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