Wednesday 12 August 2015

पंजाब को पुन आतंक में झोंकने का आईएसआई प्लान

आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने में पंजाब हमेशा आगे रहा है। गुरदासपुर के दीनानगर में पिछले दिनों हुए आतंकी हमले का पंजाब पुलिस ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। इस ऑपरेशन में पंजाब पुलिस का एक ऐसा जांबाज भी था जिसने कभी हॉकी की दुनिया में अपनी ड्रैग फ्लिकर से तहलका मचा दिया था। आतंकियों से लोहा लेने में भी भारतीय हॉकी टीम के पूर्व स्टार और पेनल्टी कॉर्नर गोल करने वाले विशेषज्ञ पंजाब पुलिस के डीसीपी जुगराज सिंह पीछे नहीं रहे। उनकी एके-47 से निकली गोलियों ने ही पहले आतंकी को मार गिराया था। मीडिया से बातचीत में बताया कि एसएसपी के साथ मैं सुबह आठ बजे दीनानगर पहुंच गया था। हमने दीनानगर थाने के सामने मोर्चा संभाला हुआ था और सवा 11 बजे मुझे खिड़की के पास एक आतंकी दिखाई दिया। मैंने करीब 20 राउंड फायर किए और कुछ ही देर में आतंकी की बॉडी खिड़की पर गिरी नजर आई। मैंने अपने एसएसपी को हाथ से इशारा करते हुए कहा कि एक तो गया। हम जुगराज और तमाम पंजाब पुलिस को उनकी बहादुरी के लिए सलाम करते हैं। वैसे गुरदासपुर हमला आतंकवाद का महज विस्तार नहीं है। यह भारत को परेशान करने वाला घेराव है। पाकिस्तान एक बार फिर पंजाब में आतंकवाद वापस लाना चाहता है। दुख का विषय यह भी है कि लुंज-पुंज बादल राज से ही पाकिस्तान की हिम्मत बढ़ी। यह जगजाहिर है कि अकालियों की राजनीति धार्मिक संगठनों के प्रति सहानुभूति के साथ चलती है। वह मानती है कि खालिस्तान की मांग करने वालों के साथ इंदिरा राज के समय से ही ज्यादतियां की गई हैं। लिहाजा अकाली सरकार का फर्ज बनता है कि वह अपने राज में उनके साथ नरमी बरते। यही वजह है कि सैकड़ों बेगुनाहों की जान लेने वाले उग्रवादियों-आतंकवादियों को शहीद का दर्जा देना, सालाना उन्हें सम्मानित करना या उनके नाम पर स्मारक बनाने की मांगों पर ढील से पेश आना। अकाली सरकार को उन सभी क्षेत्रों में मुस्तैदी से काम करना चाहिए जिससे पंजाब को फटने के लिए बारूद मिल सकता है। केवल यह कहना काफी नहीं कि पंजाब में फिर से आतंकवाद के लौटने का चांस नहीं है, क्योंकि लोगों ने इसे खारिज कर दिया है। पाकिस्तान की आईएसआई बब्बर खालसा जैसे आतंकवादियों को इसीलिए पाल रखा है कि वह पंजाब को एक बार फिर अस्थिर करें। जम्मू-कश्मीर में तो भाजपा सरकार का हिस्सा है और पंजाब में उसकी सहयोगी सरकार है। केंद्र सरकार को भी सख्ती से बादल को कहना होगा कि वह आतंकी समर्थकों से सख्ती से निपटे ताकि आईएसआई अपने मंसूबों में कामयाब न हो।

-अनिल नरेन्द्र

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