Saturday 8 August 2015

जनाब आप चाइनीज गोल-गप्पे भी खा रहे हैं!

अकसर यह मुद्दा उठता है कि भारत में चीन द्वारा निर्मित चीजों की सप्लाई लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा जहां चीनी माल हमारी मार्केटों में नजर नहीं आता। मुझे हैरानी तब हुई जब मीडिया में एक रिपोर्ट छपी कि आप चाइनीज गोल-गप्पे भी खा रहे हैं जनाब। गोल गप्पा, धुमका या पानी पूड़ी का नाम आते ही किसी भी भारतीय के मुंह में पानी आ जाता है। हाल ही में आई फिल्म क्वीन में भी दर्शाया गया है कि जब भारतीय युवती इसकी दुकान यूरोप में लगाती है तो एक अंग्रेजी स्पाइसी होने की बात कहकर गोल गप्पा खिलाने वाले को चांटा मार देता है, हालांकि बाद में वह खुद उसे खाने पहुंच जाता है। भले ही बाहर के देशों में गोल गप्पा अनजान हो लेकिन चीन के अन्य कई उत्पादों की तरह भारत के इस परंपरागत खानपान के बाजार को चावल के आटे के गोल गप्पे के जरिए कब्जाने में भी कुछ सफलता प्राप्त कर ली है। चाइनीज गोल गप्पा 140 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मार्केट में उपलब्ध है। सदर बाजार हो या दिल्ली व एनसीआर के अन्य गोल गप्पा प्वाइंट, इनमें से कई इसे मुनाफे का सौदा पाकर बेचने में जुटे हुए हैं। हालांकि जिन गोल गप्पे बेचने वालों का बड़ा नाम है वे अभी अपने गोल गप्पों के साथ मिलाकर या इसे बेचने से बिल्कुल बच रहे हैं। नई दिल्ली में गोल गप्पे की रेहड़ी लगाने वाले एक दुकानदार के अनुसार एक किलो में 400 चाइनीज गोल गप्पे बनते हैं, इसे तलने के बाद प्रति गोल गप्पा करीब 30 से 35 पैसे पड़ता है जबकि खुद का तैयार किया गोल गप्पे की कीमत 40 से 50 पैसे आती है और मेहनत अलग से। हम 20 रुपए के आठ गोल गप्पे खिला रहे हैं। हमारा अपना स्वाद ग्राहकों को मिलता रहे इसके लिए हम अपने गोल गप्पों में चाइनीज गोल गप्पा मिक्स करके खिलाते हैं। उधर स्मार्ट फोन के दीवाने ग्राहकों को सस्ते और उन्नत तकनीक आधारित स्मार्ट फोन की उपलब्धता में भी चीनी कंपनियां पीछे नहीं हैं। शोध सलाह कंपनी काउंटर प्वाइंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार चालू वर्ष की दूसरी तिमाही में अपने मजबूत डिलीवरी सर्विसेज के सहारे ही चीन की कंपनी हुवावेई तीन करोड़ पांच लाख स्मार्ट फोन बेचकर माइक्रोसॉफ्ट को पछाड़ते हुए पहली बार दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। इस दौरान उसकी वैश्विक बिक्री वर्ष 2014 की दूसरी तिमाही में दो करोड़ छह लाख के मुकाबले 48.1 प्रतिशत अधिक है। विशेषज्ञों की मानें तो बेहतर लुक और फीचर के साथ ही 10 हजार रुपए (150 डॉलर) से कम के स्मार्ट फोन उतारकर चीन की हुवावेई, शिओमी, जेडटीई और लेनेवी जैसे मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां पहले ही धमाल मचा चुकी हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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