Tuesday, 18 August 2015

पाकिस्तान की स्थिति बेकाबू और नियंत्रण से बाहर है

पाकिस्तान की अंदरूनी स्थिति बेकाबू होती जा रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह अपने गृहमंत्री को भी सुरक्षित नहीं रख सकती। चौंकाने वाली खबर आई है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गृहमंत्री शुजा खानजादा को उनके घर में ही बम से उड़ा दिया गया है। पाक के पंजाब प्रांत के अटक जिले में रविवार को राज्य के गृहमंत्री शुजा खानजादा के पैतृक आवास पर दो आत्मघाती बम हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया जिसमें खानजादा सहित 15 लोगों की मौत हो गई। खानजादा तालिबान के कड़े विरोध के लिए जाने जाते थे। पाक अधिकारियों ने बताया कि खानजादा के पैतृक गांव शादी खान में उनके राजनीतिक कार्यालय पर आत्मघाती हमलावरों के हमले में खानजादा (71) और एक डीएसपी सहित 15 लोगों की मौत हो गई। विस्फोट इतना प्रभावशाली था कि 15 लोग तो मारे गए और इससे ज्यादा लोग घायल हो गए। खानजादा एक सेवानिवृत्त कर्नल थे और इस्लामाबाद से करीब 100 किलोमीटर दूर शादी खान में अपने घर पर जिरगा (बैठक) कर रहे थे, हमलावर वहां घुसने में कामयाब रहे और खुद को बम से उड़ा दिया। मरने वालों में पुलिस उपायुक्त शौकत शाह भी शामिल हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान के अंदरुनी हालात कितने बेकाबू हैं। पाकिस्तान में सिविल एडमिनिस्ट्रेशन को तो कोई पूछता ही नहीं। एक तरफ पाक सेना व आईएसआई और दूसरी तरफ यह जेहादी संगठन। असल शक्तियां यह हैं मौजूदा पाकिस्तान में। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाक कई दिनों से लगातार गोलाबारी कर रहा है। अगस्त के ही महीने में 35 बार जम्मू-कश्मीर नियंत्रण रेखा पर पाक उल्लंघन कर चुका है। रक्षा प्रवक्ता कर्नल मनीष मेहता ने बताया कि पाक सेना रविवार सुबह से ही पुंछ के पांच सैक्टर में अग्रिम चौकियों व आसपास के गांवों पर गोलियों और मोर्टारों से हमला कर रही है। भारतीय सेना भी इसका करारा जवाब दे रही है। सीमा पर लगातार हो रही गोलीबारी के कारण मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार भी नहीं हो सका। सीमा के पास स्थित गांवों से कई लोगों ने गोलीबारी से त्रस्त होकर पलायन शुरू कर दिया है। भारतीय सेना ने भी पाक गोलीबारी पर सख्त रुख अपनाया है। रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे। इन परिस्थितियों के चलते जहां पाकिस्तान के अंदरूनी हालात भी काबू में नहीं हैं और न ही पाक सेना नियंत्रण में है पाकिस्तान की सिविल व सियासी जमात से बातचीत का औचित्य क्या है? 23-24 अगस्त को एनएसए स्तर की वार्ता रद्द होनी चाहिए और पाकिस्तान से तब तक बातचीत नहीं होनी चाहिए जब तक वह अपनी हरकतें बंद नहीं करता। आखिर पाकिस्तान हिन्दुस्तान को दे क्या सकता है? पाक सरकार और सेना से जब भी बात होती है वह हमेशा यह बहाना बना देता है कि यह नॉन स्टेट एक्टर माहौल बिगाड़ रहे हैं। यह नॉन स्टेट एक्टर आखिर हैं तो आपकी पैदायश? आपकी सर-जमीन से ही तो हमला करते हैं? जब-जब भारत ने पाक की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है जवाब में कारगिल, 26/11 व गुरदासपुर ही मिला है। हमें पाकिस्तान से फिलहाल कोई बातचीत नहीं करनी चाहिए। पहले स्थिति सामान्य हो फिर बातचीत का सोचा जाए। अभी तो पाकिस्तान की स्थिति बेकाबू है, नियंत्रण से बाहर।

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