Tuesday, 18 August 2015

वन रैंक-वन पेंशन पर सरकार जल्द फैसला करे

जिस तरह से वन रैंक-वन पेंशन की मांग को लेकर पूर्व सैनिकों को दिल्ली पुलिस ने जबरन जंतर-मंतर से हटाने की कार्रवाई की वह निंदनीय है। 61 दिनों से धरना दे रहे पूर्व सैनिकों को शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने हटाना चाहा। पुलिस ने 15 अगस्त के सुरक्षा प्रबंधों के चलते यह कदम उठाया। लेकिन जिस तरह जबरन हटाना चाहा उससे हंगामा खड़ा होना स्वाभाविक ही था। आप पूर्व सैनिकों से इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते। शुक्रवार सुबह एनडीएमसी और दिल्ली पुलिस द्वारा चलाए गए इस साझा अभियान का पूर्व सैनिकों ने जमकर विरोध किया। इस दौरान कई सैनिकों को गंभीर चोटें भी आईं। पूर्व सैनिकों के विरोध के बाद दिल्ली पुलिस ने बाद में सैनिकों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी। इस घटना का सियासी लाभ उठाने जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जंतर-मंतर पहुंचे तो उन्हें `गो बैक' का नारा सुनना पड़ा। राहुल वापस जाओ के नारे लगे। कुछ सैनिकों ने राहुल पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को कभी भी संसद में क्यों नहीं उठाया? राहुल का जब विरोध होने लगा तो वह कुछ समय के लिए असहज हो गए और बमुश्किल 15 मिनट ही रुके। हालांकि मंच के नीचे बैठे कुछ पूर्व सैनिकों ने राहुल का स्वागत भी किया। बाद में पत्रकारों से बातचीत में राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने वन रैंक-वन पेंशन लागू करने को लेकर पीएम से स्पष्ट तारीख बताने की मांग की। उधर रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा कि सरकार वन रैंक-वन पेंशन लागू करने के लिए वचनबद्ध है, लेकिन कुछ तकनीकी बाधाएं हैं। सरकार अपने कार्यकाल में और जल्दी लागू करने का प्रयास करेगी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवसीय भाषण में कहा कि सरकार समान रैंक पर एक जैसी पेंशन को बहुत जल्द पूरा करेगी। दशकों पुरानी मांग पर सरकार सिद्धांत रूप से सहमत है। बस इसे लागू करने के ब्यौरे तय किए जा रहे हैं। पूर्व फौजियों की इस मांग पर शनिवार को पीएम ने कहाöमेरे सेना के जवानों, सिद्धांतत वन रैंक-वन पेंशन हमने स्वीकार कर लिया है। लेकिन संगठनों से बातचीत का दौर चल रहा है, यह अंतिम दौर में है। जिस विश्वास के साथ वार्ता चल रही है मैं सुखद परिणाम की आशा करता हूं। वन रैंक-वन पेंशन के मुद्दे पर पूर्व सैनिकों ने प्रधानमंत्री के मौखिक आश्वासन से एक कदम आगे बढ़कर अब लिखित आश्वासन पर जोर दिया है। जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों ने कहा कि मोदी ने 16 माह पहले भी वन रैंक-वन पेंशन लागू करने का भरोसा दिया था। इस बार लिखित आश्वासन के साथ वह अभी तक उठाए गए कदमों की जानकारी भी चाहते हैं। पूर्व सैनिक सतवीर सिंह ने कहा कि 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री के आश्वासन से उम्मीद तो जगी है। लेकिन इसके लागू करने के समय पर संदेह है। हम वन रैंक-वन पेंशन का पूर्ण समर्थन करते हैं और उम्मीद करते हैं कि इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए।
-अनिल नरेन्द्र


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