Thursday, 20 August 2015

मरहबा (स्वागत) नमो, यूएई की सफल यात्रा

मरहबा नमो। ऐसे हुआ स्वागत हमारे पधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जब वह अबूधाबी के मसदर शहर में गए। पधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय अमीरात की यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक रही। एक बहुत लंबे अरसे के बाद भारत का पधानमंत्री यूएई गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी दो दिवसीय यूएई यात्रा के दौरान इस देश के साथ बिजनेस और आतंकवाद जैसे जरूरी मुद्दों पर सहयोग के अलावा भारत को एक शानदार इन्वेस्टमेंट स्पॉट के तौर पर निवेशकों में पेश किया। नरेंद्र मोदी से पहले इंदिरा गांधी यूएई गई थीं। लेकिन मोदी ने चौकाया अबूधाबी की शेख जायद मस्जिद पहुंच कर। पीएम बनने के बाद वह पहली बार किसी मस्जिद में गए। यहां हजारों लोग मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे। मोदी ने मस्जिद के साथ सेल्फी भी ली। सोमवार को मोदी सबसे उंढची इमारत बुर्ज खलीफा गए। मक्का और मदीना के बाद शेख जायद मस्जिद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद है। 30 एकड़ जमीन पर 960 गुणा 1380 फीट के क्षेत्र में बनी है। इसका निर्माण 1996 से 2007 के बीच 13 देशों के तीन हजार कारीगरों ने पूरा किया। मोदी ने मस्जिद में 40 मिनट बिताए। उन्होंने लगभग 54 करोड़ डॉलर की लागत से बनी इस मस्जिद की गेस्ट बुक में लिखा कि मैं शानदार, विशाल, खूबसूरत इबादतगाह में आकर पसन्न हूं। पधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएई यानी संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा इस मायने में ज्यादा अहम है कि भारत के साथ व्यापार और सुरक्षा के मोर्चों पर घनिष्ठ संबंधों के बावजूद विदेश नीति और कूटनीति के स्तर पर दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से खामोशी छाई हुई थी। करीब साढ़े तीन दशक पहले तत्कालीन पधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब यूएई की यात्रा की थी तब से वैश्विक परिदृश्य और राजनीति दोनों में काफी बदलाव आ चुका है। आज भारत यूएई के साथ तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और राजनीतिक लिहाज से भी दोनों पुराने मित्र हैं। आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए यूएई भारत में अपने निवेश को समर्पित आधारभूत संरचना के जरिए बढ़ाकर 75 अरब डॉलर यानी 5 लाख करोड़ रुपए तक करने को सहमत हो गया है। दोनों देशों का अगले पांच वर्षें में द्विपक्षीय व्यापार को 60 पतिशत बढ़ाने पर राजी होना भारत की बड़ी जीत है। पधानमंत्री मोदी इस यात्रा में भी पूर्व सरकारों पर निशाना साधने से नहीं चूके। सोमवार को मसदर शहर में उन्हेंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए शहर के कारोबारी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार को कुछ कठिनाइयां विरासत में मिली हैं और उसकी तत्काल पाथमिकता पूर्व की सरकारों के अनिर्णय और सुस्ती की वजह से स्थगित हुईं चीजों को शुरू करने की है। पधानमंत्री ने कहा कि मुझे कुछ समस्याएं विरासत में मिली हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि मैं केवल अच्छी चीजों को ले लूं और समस्याओं को छोड़ दूं... कुछ चीजें (पिछली) सरकारों के अनिर्णय और सुस्ती की वजह से रुक गई थीं। उन चीजों को शुरू करना मेरी पाथमिकता है। हमारी राय में बेहतर होता कि विदेशी जमीन पर मोदी जी पूर्व सरकारों की आलोचना से बचते। पधानमंत्री की इस यात्रा की एक हाई लाइट थी दुबई से पाकिस्तान को कड़ा संदेश देना। दुबई के स्टेडियम में नमो-नमो के नारों के बीच 50 हजार अपवासी भारतीयों को संबोधित करते पीएम मोदी ने इशारों में पाकिस्तान को बड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकवाद की मानसिकता वाले देशों के खिलाफ मानवतावाद में विश्वास करने वाले देशों को एक होकर लड़ने का वक्त आ गया है। अच्छा आतंकवाद, बुरा आतंकवाद, अच्छा तालिबान और बुरा तालिबान अब नहीं चलेगा। हर किसी को तय करना होगा कि वह मानवता के साथ है या आतंकवाद के। यूएई में 26 लाख से ज्यादा भारतीय काम करते हैं जो हर साल देश को 12 अरब डॉलर की बड़ी रकम भेजते हैं। जहां यूएई की अर्थव्यवस्था में भारतीयों की इतनी बड़ी भागेदारी है वहीं उन्हें काम और रोजमर्रा के कठिन हालात से जूझना पड़ता है। दलालों की धोखेबाजी के शिकार पवासी मजदूरों की समस्या गहरी है और उसे दूर करना एक बड़ी समस्या है। कुल मिलाकर पधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएई यात्रा सफल ही रही।

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