Wednesday 4 May 2016

क्या गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर सेलिब्रेटी को दोषी ठहराया जा सकता है?

पिछले कुछ समय से यह विवाद जोरों पर चल रहा है कि क्या विज्ञापनों के लिए सेलिब्रेटी को दोषी ठहराया जा सकता है या नहीं? संसद की स्थायी समिति की ओर से गुमराह करने वाले विज्ञापनों के ब्रांडों का प्रचार करने के लिए जानी-मानी हस्तियों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान के बीच उद्योग जगत के विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए सिर्प सेलिब्रेटीज पर दोष मढ़ना उचित नहीं होगा। उपभोक्ता मामलों पर संसदीय समिति ने उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2015 पर अपनी सिफारिशों में इस तरह के मामलों में पांच साल तक की जेल की सजा के अलावा 50 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान करने को कहा है। समिति ने सुझाव दिया है कि पहली बार की गलती के लिए सेलिब्रेटीज पर 10 लाख रुपए जुर्माना, दो साल की सजा या दोनों होनी चाहिए। दूसरी बार ऐसा करने पर 50 लाख जुर्माना और पांच साल की जेल की सजा का प्रावधान होना चाहिए। पिछले साल खाद्य नियामक की ओर से मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध के बाद ब्रांड एम्बेसडरों की जवाबदेही तय करने को लेकर काफी आवाजें उठी थीं। देश में जानी-मानी हस्तियों का विज्ञापन बाजार करीब 5000 से 7500 करोड़ का है और तेजी से बढ़ रहा है। गलत विज्ञापनों के लिए सेलिब्रेटीज ब्रांड एम्बेसडर को जिम्मेदार ठहराने का ब्रांड गुरुओं ने विरोध  किया है। उनका कहना है कि सेलिब्रेटी के पास प्रॉडक्ट की क्वालिटी जांचने की सुविधा नहीं होती है। इसलिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। पिछले साल मैगी पर प्रतिबंध लगा तब ब्रांड एंडोर्स करने वालों की जिम्मेदारी तय करने की मांग उठी थी। मैगी के साथ अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित और प्रीति जिन्टा जैसी हस्तियां जुड़ी थीं। एमएस धोनी को हाल ही में आम्रपाली का ब्रांड एम्बेसडर पद छोड़ना पड़ा, जब खरीददारों ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ दिया था। एड एजेंसी मेडिसन वर्ल्ड के चेयरमैन सैम बलसारा ने कहाöमैं मानता हूं कि सेलिब्रेटी को विज्ञापन की थोड़ी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। लेकिन प्रॉडक्ट या विज्ञापन के लिए उन्हें दोषी ठहराना उचित नहीं है। यह तकनीकी मसला होता है। टेलेंट मैनेजमेंट एजेंसी क्वान के एमडी अनिर्बान दास ने कहाöदीपिका पादुकोण या रणवीर कपूर जैसे बॉलीवुड स्टार जिस प्रॉडक्ट को बढ़ावा देते हैं उनकी क्वालिटी के बारे में उन्हें कुछ पता नहीं होता। विज्ञापन के दावे को जांचने के लिए सेलिब्रेटी के पास टेस्ट लैब नहीं होती। हालांकि सभी विज्ञापनों में एक कांट्रैक्ट होता है और इसमें कोई गलत दावा नहीं किया जाएगा। अगर गलत दावा है तो इसका मतलब है कि सेलिब्रेटी भी धोखाधड़ी का शिकार है। इसलिए उन्हें सजा देना गलत है। मूलभूत जिम्मेदारी विज्ञापन देने वाली कंपनी की है। हालांकि ब्रांड एम्बेसडर कंसल्टेंट हरीश बिजूर इसे कंपनी और सेलिब्रेटी दोनों की जिम्मेदारी मानते हैं। उनके मुताबिक हस्तियां अपने करिश्मे का इस्तेमाल प्रॉडक्ट की बिक्री बढ़ाने में करती हैं। इसलिए उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। खासकर खाने-पीने और स्किन केयर जैसी चीजों के मामलों में। उदाहरण के तौर पर कुछ लोगों को अजय देवगन का गुटका के विज्ञापन करने पर ऐतराज है क्योंकि यह सेहत के लिए हानिकारक है। बता दें कि कौन-कौन-सा सेलिब्रेटी विज्ञापन करने के लिए एक दिन का कितना पैसा लेते हैंöआमिर खान 5.7 करोड़ रुपए, सलमान खान 3.5 से 5 करोड़ रुपए, शाहरुख खान 3.5 से 4 करोड़, रणवीर कपूर 3 करोड़ और अमिताभ बच्चन 2.5 करोड़। टाटा मोटर्स का अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल खिलाड़ी लियोन मेसी 60 करोड़ रुपए लेता है। अंत में बता दें कि मलाइका अरोड़ा ने विवाद पर कहा कि अब मैंने तय किया है कि मैं कभी शराब, सिगरेट या रंग गोरा करने वाले प्रॉडक्ट्स का एड नहीं करूंगी। इससे लोगों पर बुरा असर पड़ता है।

-अनिल नरेन्द्र

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