Tuesday 31 May 2016

दिल्ली पुलिस की सकियता से दूसरा निर्भया कांड बनने से बचा

आए दिन दिल्ली पुलिस की आलोचना होती रहती है पर जब वह अच्छा काम करते हैं तो उसकी तारीफ करने में इतनी कंजूसी क्यों? दिल्ली पुलिस कितनी कठिन परिस्थितियों में काम करती है इसकी भी तो बात होनी चाहिए। हाल ही में पुलिस की सकियता से दूसरा निर्भया कांड होते-होते बचा। मामला उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइन इलाके का है। यहां सफेद रंग की सैंट्रों कार में सवार तीन युवकों ने एक युवती और उसके दोस्त को अपनी कार में लिफ्ट दी। रास्ते में युवक को कार से बाहर फेंक तीनों युवक युवती को लेकर फरार हो गए। युवक की सूचना पर पीसीआर वैन में सवार दो पुलिस कर्मियों ने करीब 6 किलोमीटर तक सैंट्रों कार का पीछा करने के बाद युवती को तीनों युवकों के चंगुल से मुक्त करा लिया। तीनों आरोपियों को सिविल लाइन थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान शिव विहार निवासी शिव कुमार(32), नेहरू विहार निवासी सौरभ कुमार (35) और जौहरी पुर निवासी सचिन (34) के रूप में हुई है। तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 365/366 और 392 के तहत अपहरण और लूटपाट का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार शुकवार देर शाम युवती अपने दोस्त के साथ बुराड़ी चौक पर ऑटो का इंतजार कर रही थी। तभी सफेद रंग की सैंट्रों पर सवार तीन युवक वहां पहुंचे। तीनों ने युवक एवं युवती को बस स्टैंड तक छोड़ने की बात कह अपनी कार में लिफ्ट दी। कार में बैठते ही युवक को कार में शराब की बोतल नजर आई। जिसके बाद उसने तीनों आरोपियों से कार रोकने की बात कही और उन्हें उतारने का अनुरोध किया। तीनों युवकों ने युवक से उसका मोबाइल छीनने के बाद उसे चंदगी राम अखाड़े के पास कार से बाहर फेंक दिया और युवती को लेकर फरार हो गए। इसी दौरान चौक से गुजर रही एक पीसीआर वैन में मौजूद एएसआई महेन्द्र सिंह और हेड कांस्टेबल जगदीश को युवक ने अपनी आपबीती बताई। दोनों पुलिस कर्मियों ने बिना किसी देरी किए युवक को अपने साथ लिया और कार का करीब 6 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद कश्मीरी गेट फ्लाईओवर के शाहदरा की ओर जाने वाले लूप पर पीसीआर वैन कार को रोकने में कामयाब रही। पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने कार से पीसीआर वैन में टक्कर भी मारी। तमाम कोशिशों के बावजूद तीनों आरोपी खुद को पुलिस की गिरफ्त से नहीं बचा सके। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कार से शराब की बोतलें और खाने के अन्य सामान बरामद किए। जांच में पता चला कि तीनों ने करीब डेढ़ बोतल विहस्की का सेवन किया था। शराब का सेवन करने के बाद एक आरोपी ने ड्रग्स का इंजेक्शन भी लिया था। शाबाश एएसआई महेन्द्र सिंह और हेड कांस्टेबल जगदीश। तमाम दिल्ली पुलिस को बधाई।

No comments:

Post a Comment