Thursday 16 June 2016

दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं भारत में होती हैं

सड़क दुर्घटनाओं व रोडरेज के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इन पर अंकुश लगना अति आवश्यक बन गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को बताया कि देश में हर रोज करीब 1400 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें 400 लोग हर रोज मारे जाते हैं। इनमें 77 फीसदी घटनाओं के लिए चालक जिम्मेदार होते हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की भारत में सड़क दुर्घटना-2015 नाम से जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। गडकरी ने कहाöयह चिन्ता का विषय है कि दुनिया में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं भारत में होती हैं। स्वीडन में पिछले वर्ष महज एक सड़क दुर्घटना हुई थी। जबकि भारत में पांच लाख सड़क हादसे हुए। उन्होंने कहा कि इन दुर्घटनाओं में 90 प्रतिशत तक सुधार लाया जा सकता है। सरकार इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। रिपोर्ट के अनुसार पांच लाख सड़क हादसों में एक-तिहाई मामले दोपहिया वाहनों से  जुड़े हुए थे। सूची में कर्नाटक, मध्यप्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, यूपी, तेलंगाना, गुजरात, छत्तीसगढ़ भी हैं। 23,468 सड़क हादसे हुए मुंबई में, जो सबसे ज्यादा हैं। दिल्ली में 1622 मौतें हुईं सड़क दुर्घटनाओं में। गडकरी ने सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि के लिए फर्जी लाइसेंस को भी कारण बताया और कहा कि देश में 30 प्रतिशत लाइसेंस फर्जी बने हुए हैं। इन पर लगाम कसना जरूरी है। इसके लिए कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम तैयार किया जा रहा है। मरने वालों में 33 फीसदी 15 से 24 आयु वर्ग के थे। 77,116 हादसे ओवरलोड वाहनों की वजह से हुए। 62.2 फीसदी सड़क हादसे तय सीमा से अधिक या बहुत अधिक गति से वाहन चलाने के कारण हुए। सबसे अधिक 61 फीसदी मौतें भी इसी कारण से हुईं। 4.2 फीसदी दुर्घटनाएं ड्रंकन ड्राइविंग से। बिहार में आदित्य सचदेवा को जेडीयू विधायक के बेटे की गाड़ी से कथित तौर पर ओवरटेक करना महंगा पड़ गया। ओवरटेक करने के कारण उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। रोडरेज की अधिकतर घटनाओं में युवा शामिल होते हैं। आखिर इन्हें इतना गुस्सा क्यों आता है? एक अध्ययन के अनुसार युवाओं को तीन गुना ज्यादा गुस्सा ड्राइविंग के समय आता है। सड़कों पर भारी जाम, गा]िड़यों का शोर, दूसरों द्वारा नियमों का पालन न करना, बिना ट्रैफिक के लालबत्ती पर रुकना पसंद नहीं। बिना सूचना के सड़क व लालबत्तियों को बंद करना भी एक कारण है बढ़ते हादसों का। सड़क के बीचोंबीच कुछ लोग अपनी गाड़ियां खड़ी कर देते हैं इससे भी हादसे होते हैं। मोबाइल फोन और अन्य निजी कारण, सड़कों पर भिखारी और सामान बेचने वालों का भी तांता लगा रहता है। खस्ता हाल सड़कें व ऊंचे-ऊंचे स्पीड ब्रेकर भी एक कारण हैं। 13 फीसदी मामले पीछे से टक्कर लगने के कारण होते हैं। 13 फीसदी झगड़े रेड लाइट जम्प करने के कारण। 4 फीसदी मामले पीछे से बेवजह हॉर्न बजाने से होते हैं। अधिकतर सड़क नियम उल्लंघनों में केवल 100 रुपए जुर्माना है जो न के बराबर है और उल्लंघन करने वालों को कोई खास डर नहीं है।

-अनिल नरेन्द्र

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