Saturday 25 June 2016

योग ने पूरे विश्व को एकजुट किया

विश्वभर में मंगलवार को योग का जलवा देखने को मिला। दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में योग ने पूरी दुनिया को एकजुट कर दिया। जल, थल और नभ में लोगों ने योग दिवस पर आसन किए। भारत में इसकी कमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली में तो पीएम नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ में संभाली। अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन समेत दुनिया के सभी प्रमुख देशों में लोग योगासन करते नजर आए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बॉन की मून ने एक कार्यक्रम में कहा कि मैं आग्रह करता हूं कि धार्मिक भेदभाव के बगैर स्वस्थ जीवन के लिए योग अपनाएं। यही नहीं, धार्मिक कट्टरपंथी माने जाने वाले देशों में भी योग के प्रति सोच में बदलाव देखने को मिल रहा है। इस्लामिक देश कतर में योग ने धीरे-धीरे अपनी जगह बनानी शुरू कर दी है। इसी तरह ईरान, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे मुस्लिम बहुल देशों में भी लोग योग को अपना रहे हैं। कतर में महिलाओं को योग सिखाने वाली फ्रांसीसी मूल की महिला नूर को अपनी आस्था और योग के बीच कभी कोई विवाद नजर नहीं आता। वह कहती हैंöयोग और इस्लाम दोनों ही अध्यात्म हैं। दोनों की जड़ें एक-सी हैं। योग के जरिये लोग मानसिक शांति हासिल कर सकते हैं, जिसमें खुदा से जुड़ने का रास्ता आसान हो सकता है। गृहयुद्ध से तबाह हो चुके यमन को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र के 192 सदस्य देश मंगलवार को दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में हिस्सेदार बने। यहां तक कि पिछले तीन वर्षों से आपसी गुटों की लड़ाई में तबाह हो चुके लीबिया में भी योगाभ्यास हुआ। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने गत वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था, क्योंकि दुनिया के बड़े हिस्से में यह सबसे लंबा दिन होता है। चंडीगढ़ के कैपिटल कॉम्प्लैक्स में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अगले वर्ष के दौरान योग से डायबिटीज को दूर करने का आह्वान किया। अगर प्रयोग सफल रहा तो अगले साल दूसरी बीमारी को योग से दूर करने का प्रयास किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर स्पाइस जेट के यात्रियों ने 33 हजार फीट की ऊंचाई पर योग किया तो सियाचिन में भारतीय सैनिकों, नौसेना और तटरक्षक बल के जवानों ने आईएनएस ऐरावत, विराट और आईसीजीएस सागर जैसे पोतों पर समुद्र के बीच किया योग। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बॉन की मून का अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सटीक संदेश थाöयोग का संदेश सद्भावना को बढ़ावा देना है। आज दुनिया के सभी देशों के नागरिक नस्ल, आस्था और लिंग से ऊपर उठकर एकता का संकल्प लें। इस दिन और हर दिन को समान मानव परिवार के सदस्य के तौर पर मनाएं।

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