Friday, 10 June 2016

पहलवान सुशील कुमार का रियो जाने का सपना टूटा?

पिछले कई दिनों से पहलवान सुशील कुमार बनाम पहलवान नरसिंह यादव का विवाद सुर्खियों में है। ओलंपिक में दो बार के पदक विजेता एकमात्र भारतीय खिलाड़ी पहलवान सुशील कुमार की रियो ओलंपिक कोटा हासिल कर चुके नरसिंह यादव से ट्रायल कराने की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया जिससे सुशील का रियो जाने का सपना टूट  गया। हाई कोर्ट में इस मामले में पांच बार सुनवाई होने के बाद न्यायमूर्ति मनमोहन ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया और सुशील की याचिका खारिज कर दी। सुशील की याचिका खारिज होने के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि रियो ओलंपिक में 74 किलोग्राम के फ्रीस्टाइल वर्ग में भारत का नेतृत्व नरसिंह ही करेंगे। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि खेल के अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में पदक ताकत से नही, बल्कि दिमाग से जीती जाती है। खिलाड़ी की मानसिक परेशानी व उसकी तैयारी चयनित खिलाड़ी को प्रभावित कर सकती है। अदालत ने सुशील की याचिका खारिज कर उक्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इस प्रकार की याचिका चयनित खिलाड़ी के जीतने की संभावना को खतरे में डाल सकती है जो राष्ट्रीय हित के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकती है। इतना ही नहीं, इस प्रकार के द्वंद्व में देश हार सकता है। इसी प्रकार ट्रायल में किसी को भी चोट की संभावना को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि खेलों में देश का प्रतिनिधित्व कौन करेगा यह अदालत की अपेक्षा विशेषज्ञ यानि नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन ही तय कर सकती है। फेडरेशन के पास पॉवर व जिम्मेदारी है और वह ही तय कर सकती है कि किस खिलाड़ी में क्या योग्यता है। स्पोर्ट्स कोड 2011 में यह प्रतिबंध नहीं है कि फेडरेशन तय नहीं कर सकता कि खिलाड़ी का वह चयन कर सके। इसी प्रकार इस कोड में ऐसा भी कोई प्रावधान नहीं है कि प्रतियोगिता से दो या तीन महीने पूर्व खिलाड़ी के चयन के लिए ट्रायल हो। महासंघ की जिम्मेदारी है कि वह तय करें कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व कौन करेगा। अदालत ने कहा कि याची सुशील पेशेवर पहलवान है और उसने ओलंपिक से दो-ढाई महीने पहले चयन प्रक्रिया को चुनौती दी है। उसे इस बात का ज्ञान है कि इस प्रकार के ट्रायल से भारत की जीत को खतरे में डालना है। सुशील की याचिका खारिज होने के बाद ओलंपिक रजत पदक विजेता पहलवान सुशील की पैरवी करते हुए उनके गुरु महाबली सतपाल ने कहा कि हाई कोर्ट की युगल पीठ (डबल बेंच) और सुप्रीम कोर्ट में जाने का रास्ता अभी खुला हुआ है। हमने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। दूसरी ओर नरसिंह यादव ने कहा कि मैंने देश को ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाने की तैयारी की है और इस समय मैं सर्वश्रेष्ठ फिटनेस में हूं।

-अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment