Sunday 19 June 2016

जेएनयू में राष्ट्र विरोधी नारों का वीडियो सही पाया गया

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान नौ फरवरी को कुछ छात्रों द्वारा राष्ट्र विरोधी नारे लगाने वाले आरोपियों पर शिकंजा और कस सकता है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आरोपियों के खिलाफ जांच तेज कर दी है। बृहस्पतिवार को भी सेल के छह अधिकारियों ने जेएनयू पहुंचकर एडमिन ब्लॉक में मास्टर माइंड उमर खालिद व अनिर्वान भट्टाचार्य समेत दो छात्रों से करीब तीन घंटे पूछताछ की। उधर बुधवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने प्रदर्शन कर पुलिस पर जेएनयू के नौ फरवरी के मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पुलिस बच रही है जबकि उस विवादित कार्यक्रम का वीडियो सही पाया गया है। उल्लेखनीय है कि नौ फरवरी के कार्यक्रम का एक निजी चैनल का वीडियो जांच में सही पाया गया है। वीडियो में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। याद रहे कि देश के तथाकथित धर्मनिरपेक्ष शब्दावलियों ने इसकी सत्यता पर कई सवाल उठाए थे। वीडियो को सीएसएलएफ भेजा गया। इसी वीडियो पर ही जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने वाले आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चैनल के वीडियो को लोधी कॉलोनी स्थित सीबीआई की सीएसएलएफ में भेजा गया था। सीएसएलएफ ने आठ जून को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वीडियो के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया, अनिर्वान भट्टाचार्य और उमर खालिद को गिरफ्तार किया था। सभी अब जमानत पर बाहर हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने इस विवादित कार्यक्रम के जो पांच वीडियो गुजरात लैब में भेजे थे वो भी सच पाए गए हैं। इन वीडियो के साथ भी कोई छेड़छाड़ सामने नहीं आई। इन्हें उस समय कार्यक्रम को देख रहे लोगों ने अपने मोबाइल से बनाया था। अब स्पेशल सेल को कन्हैया कुमार की आवाज के नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार है। तब इन तथाकथित धर्मनिरपेक्ष ताकतों ने तर्प दिया था कि वीडियो फुटेज के साथ छेड़छाड़ की गई है और छात्र नेताओं को बिना वजह परेशान करने के मकसद से पुलिस ने यह केस दर्ज किया है। केंद्र सरकार पर भी जेएनयू को बदनाम करने का आरोप लगाया गया था। तब इन छात्रों की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में विरोधी स्वर उठे थे। अब चूंकि वीडियो की सत्यता पर सारे आरोप हट गए हैं और दूध का दूध पानी का पानी हो गया है। उम्मीद की जाती है कि दिल्ली पुलिस इस मामले में बाकी बची जांच तेज करेगी। बता दें कि कन्हैया ने तो जमानत के बाद भी देश विरोधी भाषण दिए हैं। देखें, अदालतें उसकी सशर्त जमानत पर क्या कार्रवाई करती हैं?

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