Friday, 12 April 2019

सुप्रीम कोर्ट के ताजे फैसले से मोदी को करारा झटका

केंद्र सरकार को चुनाव से पहले तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राफेल विमानों के सौदे में अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए लीक दस्तावेजों को आधार बनाने की अनुमति दे दी और उन दस्तावेजों पर विशेषाधिकार होने की केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज कर दिया। फैसले में कहा कि पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान न सिर्प विमानों की कीमत के मुद्दे पर बल्कि राफेल का निर्माण करने वाली कंपनी दसाल्ट के भारतीय ऑफसेट पार्टनर के चयन के मुद्दे पर भी पड़ताल करेगी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने एक मत से दिए फैसले में कहा कि जो नए दस्तावेज डोमेन में आए हैं, उन आधारों पर मामले में रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई होगी। बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ शामिल हैं। इस फैसले से भाजपा को चुनाव से ठीक पहले करारा झटका लगना स्वाभाविक है। पिछले दिसम्बर में राफेल पर पाकसाफ होने और राहत पाने का दावा कर रही भाजपा और मोदी सरकार को इसलिए भी झटका लगा है क्योंकि अब कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाने का प्रयास करेंगी। सरकार और भाजपा कोर्ट के पिछले फैसले को आधार बनाकर खुद को क्लीन चिट मिलने का दावा कर रहे थे। लेकिन अब विपक्ष खासकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर ज्यादा हमलावर नजर आएंगे। कोर्ट ने सरकार द्वारा चोरी के बताए कागजात पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है। सरकार ने इन कागजात के आधार पर सुनवाई न करने के दलील के साथ कई बातें देश की सुरक्षा के सवालों पर अदालत में कही थी। पहले कहा गया कि फाइल चोरी हो गई, फिर कहा गया कि फाइल तो चोरी नहीं हुई, फाइल से कुछ दस्तावेज चोरी हो गए हैं और इन चोरी के दस्तावेजों का संज्ञान न लिया जाए। सरकार ने कहा था कि जो दस्तावेज प्रशांत भूषण, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने कोर्ट में पेश किए हैं, वह प्रिविलेज्ड दस्तावेज हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं। यह दस्तावेज गोपनीय हैं और आरटीआई में उपवाद में हैं। इस दौरान याचिकाकर्ता वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि यह तमाम दस्तावेज पब्लिक डोमेन में हैं। जो दस्तावेज पहले से लोगों के सामने हैं उस पर कोर्ट विचार न करे क्योंकि वह प्रिविलेज्ड दस्तावेज हैं, यह बेकार की दलील है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले से जहां केंद्र और मोदी को करारा झटका लगा है वहीं विपक्ष इसे अपनी विजय के रूप में देख रहा है। बुधवार को कांग्रेस ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे का सच सामने आ गया है और इस मामले में अब न्याय होगा। राहुल गांधी ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि चौकीदार जी ने चोरी कराई... यह मैं पिछले कई महीनों से कह रहा हूं कि प्रधानमंत्री ने वायुसेना के पैसे अनिल अंबानी को दिए और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में जांच की गुहार से संबंधित अर्जी 14 दिसम्बर 2018 को खारिज कर दी थी जिसके बाद रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई जिस पर आसन कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने मामले की सुनवाई की। 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के उस एतराज पर ऑर्डर रिजर्व कर लिया था कि प्रिविलेज्ड दस्तावेज पर सुनवाई होगी या नहीं। बेंच ने एक मत से फैसला दिया था। क्या है यह तीन दस्तावेजöपहला, आठ पेज का नोट, जिसमें भारतीय नेगोशिएटिंग टीम के तीन सदस्यों का जिक्र है। दूसरा, मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के गोपनीय दस्तावेज और तीसरा डिप्टी सैकेटरी की नोटिंग। कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने न्यायालय के बुधवार के आदेश को न्याय की दिशा में पहला कदम करार दिया और कहा कि इस मामले में न्याय संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच से होगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राफेल की चोरी की परतें खुलती जा रही हैं। मोदी जी के झूठ का किला ध्वस्त हो गया। वामदल भाकपा और माकपा ने भी न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा से जो समझौते किए हैं उनका सच अब सामने आएगा। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी जी आप झूठ बोलकर जितना चाहे भाग  लें, लेकिन जल्द सच सामने आ जाएगा। अब उसे छिपाने के लिए कोई ऑफिशियल सीकेट एक्ट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने फिर सम्मानित कानूनी सिद्धांत को बरकरार रखा है। मोदी जी चिन्ता मत करो, अब जांच होने वाली है। आप इसे पसंद करें या न करें। दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि मोदी जी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राफेल में क्लीन चिट मिली है। आज के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साबित हो गया कि मोदी जी ने राफेल में चोरी की है, देश की सेना से धोखा किया है और अपना जुर्म छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया है। राहुल गांधी द्वारा राफेल डील को लेकर चौकीदार चोर है का नारा कई महीने से लगाया जा रहा है। जवाब में पीएम मोदी ने `हम सब चौकीदार' अभियान देश में शुरू कर दिया। लेकिन कांग्रेस और राहुल गांधी के हमले अब ज्यादा तीखे हो सकते हैं। पहले चरण की 91 सीटों पर प्रचार तो समाप्त हो चुका है लेकिन बाकी सीटों पर प्रचार अभी चल रहा है। जानकार मानते हैं कि राफेल डील मुद्दे का ज्यादा असर शहरी क्षेत्र में ज्यादा पड़ रहा है पर गांव-गांव तक नहीं पहुंच पाया है। इसका प्रभाव अर्बन वोटर पर हो सकता है, ग्रामीण वोटरों पर शायद ही पड़े। दूसरी तरफ बालाकोट स्ट्राइक से उपजी राष्ट्रवाद की भावना ज्यादातर जगहों पर फैल चुकी है। इन हालात में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस यह साबित करने की कोशिश करेगी कि राफेल डील में भ्रष्टाचार हुआ है और इसमें सीधे तौर पर प्रधानमंत्री खुद शामिल हैं। मोदी की सबसे बड़ी उपलब्धता भ्रष्टाचार मुक्त भारत का नारा है। जहां कांग्रेस अब राफेल पर चुनाव लड़ सकती है वहीं भाजपा का प्रयास यही होगा कि पूरा चुनाव राष्ट्रवाद के दायरे से बाहर नहीं जाए।

-अनिल नरेन्द्र

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