Monday 29 April 2019

बिहार में पूर्व मुख्यमंत्रियों-उपप्रधानमंत्री के परिवारों की साख दांव पर

बिहार में कभी मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की सेवा करने वाले परिवारों के साथ पूर्व उपप्रधानमंत्री के परिवार की साख भी इस लोकसभा चुनाव में दांव पर है। जनता की नजरों में इनकी कितनी साख बची है, यह तो नतीजों के बाद ही पता चलेगा। देखना है कि इस चुनाव में अपनी पारिवारिक विरासत को कौन बचा पाता है? राष्ट्रीय राजनीति के महत्वपूर्ण नेता पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय जगजीवन राम की पुत्री मीरा कुमार फिर सासाराम लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। मीरा कुमार खुद राष्ट्रीय स्तर की नेता हैं और 15वीं लोकसभा की स्पीकर रह चुकी हैं। उनके पास पारिवारिक लंबा राजनीतिक अनुभव भी है। सासाराम क्षेत्र उनके पारिवारिक क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है। इस क्षेत्र के विकास में बाबू जगजीवन राम के साथ मीरा कुमार की भी बड़ी भूमिका रही है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इस लोकसभा चुनाव में गया संसदीय क्षेत्र से महागठबंधन के प्रत्याशी हैं। इससे पहले 2014 में वो जदयू के प्रत्याशी के रूप में थे। उस चुनाव में हारने के  बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाकर राज्य की कमान सौंप दी थी। बाद में पार्टी ने उनसे नीतीश के लिए पद छोड़ने को कहा तो उन्होंने इंकार कर दिया। तब मांझी को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। बहुमत साबित न कर पाने पर उन्हें 20 फरवरी 2015 को इस्तीफा देना पड़ा। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के परिवार की भी इस लोकसभा चुनाव में कड़ी परीक्षा है। राजद ने पाटलिपुत्र से लालू की बेटी मीसा भारती को मैदान में उतारा है। लालू यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में राजद प्रत्याशी मीसा भारती को लालू परिवार के खास रहे रामकृपाल यादव और मीसा भारती के बीच आमने-सामने की टक्कर है। दरभंगा से तीन बार सांसद रह चुके कीर्ति झा आजाद पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भागवत झा आजाद के पुत्र हैं। भागवत भागलपुर से राजनीति करते थे। कीर्ति को इसके बाद भाजपा से मतभेदों के चलते अपना लोकसभा क्षेत्र भी बिहार छोड़कर झारखंड में बनाना पड़ा। भाजपा से कांग्रेस में आने वाले कीर्ति आजाद इस बार धनबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं। इनका मूल जन्म स्थान झारखंड के गोड्डा जिले में है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय केदार पांडे के पौत्र शाश्वत केदार को कांग्रेस ने बाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। केदार पांडे चंपारण क्षेत्र के एक कद्दावर नेता थे। उनके समय में चंपारण दो भागों में बंटा। केदार के पुत्र स्वर्गीय मनोज पांडे के बाद पहली बार उनके पौत्र शाश्वत केदार ने राजनीति में कदम रखा है। देखें, यह अपने परिवारों की साख बचाने में कितने सफल होते हैं?

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