Thursday, 25 April 2019

बिहार में लालटेन की लौ बनाए रखने की चुनौती

बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर हो रहे चुनाव में इस बार भी आरजेडी केंद्र बिंदु में है। पार्टी के लिए यह चुनाव अगर हम कहें कि उनके अस्तित्व की लड़ाई है तो शायद गलत न हो। इस बार आरजेडी कांग्रेस के अलावा राज्य के चार क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। आरजेडी ने एनडीए के मुकाबले के लिए एक व्यापक गठबंधन किया है। बड़ा समझौता करते हुए अपने कोटे की सीट छोटे दलों को दी। इसे सोशल इंजीनियरिंग कहा जा रहा है। इसमें कई जातियों को समेटने की मंशा है। आज भी आरजेडी की सबसे बड़ी मजबूती उसका ठोस वोट बैंक बना हुआ है। आरजेडी ने अपने इसी वोट बैंक के दम पर अपनी ताकत बनाई। मुस्लिम और यादव (माई फैक्टर) उनके साथ बने हुए है। राज्य की कई सीटों पर यह निर्णायक क्षमता रखते हैं। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस बार के लोकसभा चुनाव को धर्म की लड़ाई बताई और कहा कि लोग धर्म की नाव पर सवार होकर अधर्म की नैया को डुबो दें ताकि समाज और देश की रक्षा हो सके। तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला और कहा कि श्री मोदी जुमलेबाज हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस बार चुनाव देश के संविधान को बचाने का संघर्ष भी है। देश का विकास पूरी तरह ठप हो गया है। लालू यादव से जेल में न मिलने देने पर उनके बेटे तेजस्वी यादव ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। वहीं लालू की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद यादव को जेल में जहर देकर मारने की साजिश की जा रही है। तेजस्वी ने कहा कि इस राजनीतिक साजिश के पीछे सुशील मोदी और नीतीश कुमार हैं और यह नरेंद्र मोदी के इशारे पर हो रहा है। बिहार के इस लोकसभा चुनाव में राजद की प्रचार सामग्रियों में मैं भी चौकीदार टीशर्ट की धूम मची हुई है। वहीं लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की टोपी की अच्छी-खासी मांग है। जहां नमो समर्थक नमो टीशर्ट ले रहे हैं तो वहीं कांग्रेसी राहुल की कैप। राज्य में चुनाव के बढ़ते तेवर के साथ आरजेडी गठबंधन चुनाव को अगड़ा बनाम पिछड़ा का मुद्दा बनाकर आगे बढ़ने के मूड में है तो भाजपा की अगुवाई में गठबंधन राष्ट्रवाद के मुद्दे से इसे काउंटर करने की कोशिश कर रहा है। विपक्षी गठबंधन के नेताओं का मानना है कि चूंकि भाजपा ने अपनी अधिकतर सीटों पर सवर्ण समुदाय के उम्मीदवारों को जगह दी है। ऐसे में अब यह मुद्दा सामने आने से एनडीए को परेशान कर सकता है। आरजेडी अपने चुनावी प्रचार में सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के मोदी सरकार के कदम को पिछड़ों को आरक्षण समाप्त किए जाने की दिशा में एक कदम मान रही है। संसद में इससे जुड़े बिल का विरोध करने वालों में आरजेडी अकेली पार्टी थी। हालांकि इस मुद्दे पर पार्टी का कांग्रेस से मतभेद भी हुआ था। गठबंधन के पिछड़े कार्ड को काउंटर करने के लिए भाजपा नीतीश को आगे कर रही है। उन्हें लगता है कि नीतीश के साथ रहने से अति पिछड़े वोट पर इसका असर नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अररिया में अपनी रैली में गठबंधन की इस कोशिश पर हमला करते हुए साफ किया कि आरक्षण से किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी? भाजपा को विश्वास है कि मोदी फैक्टर से गठबंधन की कोशिश किसी भी सूरत में सफल नहीं होगी।
करती है। भगवान पीड़ितों को इतनी शक्ति दे कि वह अपने खोए परिजनों के सदमे को बर्दाश्त कर सकें। हम उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देते हैं।

-अनिल नरेन्द्र


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