Friday, 26 April 2019

हरियाणा में चार लालों की प्रतिष्ठा दांव पर है

हरियाणा की राजनीति में अहम योगदान दे चुके तीन प्रमुख लालों की तीसरी और चौथी पीढ़ी इस लोकसभा चुनाव में राज्य के चौथे लाल की टीम से इस बार टकराएगी। प्रदेश के पहले लाल व देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी देवी लाल की चौथी पीढ़ी से दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला और करण चौटाला मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। दूसरे लाल एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय भजन लाल के दोनों बेटेöचन्द्रमोहन एवं कुलदीप बिश्नोई अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। इस कड़ी में भजन लाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई खुद हिसार से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनकी जगह तीसरी पीढ़ी से उनके बेटे भव्य बिश्नोई को कांग्रेस से टिकट मिला है। हरियाणा के तीसरे लाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसी लाल की विरासत को उनके छोटे बेटे स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह की पत्नी किरण चौधरी कांग्रेस विधायक होने के साथ ही विधानसभा में सीएलपी नेता हैं जबकि तीसरी पीढ़ी के रूप में किरण की बेटी श्रुति चौधरी अपने दादा की विरासत सहेजने को भिवानी से चुनाव लड़ रही हैं। अब बात करते हैं हरियाणा के चौथे लाल के रूप में उभरते मुख्यमंत्री मनोहर लाल की, जिन्होंने खुद अपनी वंश बेल नहीं बढ़ाई लेकिन प्रदेश की जनता को ही परिवार माना हुआ है। इस चुनाव में उनकी टीम के रूप में भाजपा के 10 उम्मीदवार राज्य के अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में राजनीति के तीनों लालों की तीसरी और चौथी पीढ़ी को टक्कर देने वाले हैं। लालों की धरती के नाम से मशहूर हरियाणा में सत्ता की चाबी वर्तमान समय में मनोहर लाल के हाथों में है। हालांकि 15 बरस पहले तक प्रदेश की सत्ता पर तीनों लालों या उनकी पीढ़ियों का हक बना रहा है। जिस पर तब कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अधिकार जमा लिया था। एक बार फिर से लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा के तीनों लालों की तीसरी और चौथी पीढ़ी मुकाबले को तैयार है। खास बात यह है कि पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के दोनों पोतों अजय सिंह और अभय सिंह बीते कुछ महीनों के दौरान मनमुटाव के चलते अलग-अलग हो गए थे। पूर्व उपप्रधानमंत्री के बड़े बेटे अजय सिंह के बेटे दुष्यंत चौटाला ने इनेलो से अलग होकर जननायक पार्टी बना ली और अब चप्पल चुनाव चिन्ह पर हिसार से लड़ रहे हैं जबकि चौधरी देवी लाल के छोटे पोते अभय सिंह ने अपने बेटे करण को कुरुक्षेत्र से इनेलो का उम्मीदवार घोषित किया है। अजय सिंह के छोटे बेटे दिग्विजय चौटाला जेजो के प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ सोनीपत से ताल ठोंक रहे हैं। कुल मिलाकर हरियाणा का लोकसभा चुनाव दिलचस्प होने वाला है। हरियाणा की 10 सीटों पर 2014 के चुनाव में भाजपा ने सात सीटें जीती थी जबकि इनेलो के हाथ दो सीटें लगी थी और कांग्रेस इस चुनाव में केवल एक सीट ही जीत सकी थी। लालों के इस (पानीपत के) युद्ध में देखें, किस लाल का पलड़ा भारी रहता है?

-अनिल नरेन्द्र

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