बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने ऐलान
किया है कि वह 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगीं पर पार्टी
के लिए पूरे देश में प्रचार करेंगीं। इस बार मायावती समेत चार ऐसी महिलाएं हैं जिनका
आम चुनाव में दम देखने को मिलेगा। यह महिलाएं चुनाव लड़ेंगीं नहीं पर लड़वाएंगी। पार्टी
प्रत्याशी उतारेंगी, उनके लिए कैंपेन करेंगीं और नई सरकार के
गठन में भी अहम भूमिका अदा करेंगी। इनमें से तीन महिलाएं अलग-अलग राज्यों में पार्टी प्रमुख भी हैं। पश्चिम बंगाल देश का यूपी और महाराष्ट्र
के बाद तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। यहां की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष
ममता बनर्जी आम चुनाव नहीं लड़ रही हैं। राज्य में पार्टी का पूरा प्रसार-प्रचार उन्हीं के इर्दगिर्द रहेगा। जम्मू-कश्मीर की पूर्व
सीएम और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती सईद भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हैं। महबूबा
पिता मुफ्ती मुहम्मद सईद के निधन के बाद से पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं। अभी हाल
तक वह राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन कर राज कर रही थीं। महबूबा का पूरा फोकस प्रचार
कैंपेन पर है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन
समाज पार्टी की प्रमुख मायावती तो अपनी पार्टी की आंख-नाक जैसी हैं। वह भी पार्टी के
लिए उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में प्रचार करेंगीं। समाजवादी पार्टी के साथ यूपी
में गठबंधन करने से मायावती पर गठबंधन को जिताने का ज्यादा भार रहेगा। चूंकि यूपी में
80 लोकसभा सीटें हैं इसलिए सपा-बसपा गठबंधन को
ज्यादा से ज्यादा सीटें जिताने का दायित्व मायावती पर होगा। वहीं अपना दलित वोट बैंक
को पार्टनर सपा के लिए ट्रांसफर कराना भी उनकी जिम्मेदारी होगी। अपने काडर को निचले
लेवल तक गठबंधन के लिए तैयार करना भी आवश्यक होगा। वहीं यूपी में गंगा की बोट यात्रा
पर निकलीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी चुनाव नहीं लड़ रही हैं। उन्हें पूर्वी
यूपी की 35 सीटों की जिम्मेदारी मिली है। वह पूरे यूपी और देश
के अन्य हिस्सों में पार्टी के लिए प्रचार प्रसार भी करेंगी। प्रियंका गांधी वाड्रा
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद नम्बर दो की स्टार कैंपेनर हैं। प्रियंका का स्टाइल
मतदाताओं को लगातार प्रभावित कर रहा है। उनका मतदाता से डायरेक्ट कनेक्ट भाजपा के लिए
चिंता का सबब बन रहा है। उत्तर प्रदेश में मायावती व प्रियंका दोनों मिलकर कुछ भी करा
सकती हैं। 5 राज्यों में, 5 क्षेत्रीय दलों
में नम्बर दो नेता व स्टार कैंपेनर महिला हैं। तेलंगाना में भी टीआरएस के चुनाव कैंपेनर
को सीएम केसीआर और उनकी बेटी कविता लीड कर रही हैं। कविता खुद भी प्रत्याशी हैं। महाराष्ट्र
में एनसीपी में शरद पवार के बाद उनकी बेटी सुप्रिया सुले स्टार कैंपेनर हैं। तमिलनाडु
में द्रमुक के स्टार कैंपेनर स्टालिन व उनकी बहन कनिमोझी हैं। पंजाब में अकाली दल से
हरमनप्रीत कौर हैं। मेघालय में एनसीपी से अगाथा संगमा नंबर 2 स्टार प्रचारक हैं। खास बात, 2014 में महिला नेतृत्व
वाली पार्टियों को महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट दिया था। 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के लिए सबसे बड़ा खतरा यही महिलाएं
हैं।
-अनिल नरेन्द्र
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