Saturday 27 April 2019

भगवाधारी मोदी के निशाने पर शेष 241 सीटें

बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को मोदी का ऐसा स्वागत हुआ जो अभूतपूर्व है। ऐसा शो पहले कभी नहीं देखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन के दौरान एनडीए के दिग्गज नेताओं को वाराणसी में एक साथ लाकर मोदी ने एक साथ कई संदेश दिए। सबसे अहम एनडीए की एकता का संदेश था। 2014 में मोदी के नामांकन में भी ऐसा जमावड़ा नहीं दिखा। जानकारों का कहना है कि नेताओं के मेगा-शो में आज से ज्यादा आने वाले `कल' की चिन्ता दिखाई दी। भाजपा अपने बूते पर बहुमत हासिल नहीं कर पाती तो दावा कर सकती है कि वह पहले से ही एनडीए को साथ लेकर चल रही थी। सहयोगियों की अपेक्षा के आरोप झेल रहे मोदी-शाह का मकसद यह दिखाना भी था कि उनमें अहंकार के आरोप गलत हैं। प्रकाश सिंह बादल, नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, रामविलास पासवान, अनुप्रिया पटेल, . पन्नीर सेल्वम के अलावा पूर्वोत्तर के संगी नेताओं से पहले अमित शाह ने बैठक की, फिर मोदी उनसे मिले। बाबा विश्वनाथ की नगरी में भगवा वस्त्र धारण करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की बाकी बची लोकसभा की 241 सीटों के मतदाताओं को भी एक संदेश दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में इन सीटों में से भाजपा ने 161 सीटें जीती थीं। 161 सीटों के अलावा बची बाकी की सीटों में से ज्यादा से ज्यादा सीटें भाजपा अपनी झोली में डालना चाहेगी, क्योंकि यही सीटें केंद्र में बनने वाली सरकार का भविष्य तय करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से दूसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए यहां पहुंचे। शुक्रवार सुबह उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया। पर्चा दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 अप्रैल है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 26 अप्रैल को ही नामांकन दाखिल करने का इसलिए फैसला किया, ताकि 29 अप्रैल को 71 सीटों के लिए होने वाले मतदान के लिए एक संदेश जाए। दरअसल चौथे, पांचवें, छठे और सातवें चरण में अब 241 सीटों के लिए मतदान होगा। और यह सारी सीटें अब उत्तर की तरफ हैं। दक्षिण भारत में मतदान पूरा हो चुका है, जहां भाजपा कमजोर दिखी। अब महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, बिहार व असम के लिए मतदान होना है। इस पूरे क्षेत्र में भाजपा का प्रभाव है। यदि इस क्षेत्र में भाजपा की सीटें कम हुईं तो केंद्र की सत्ता में लौटना मुश्किल होगा। इसलिए प्रधानमंत्री ने वाराणसी में शक्ति प्रदर्शन करके 241 सीटों के मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश की। अपने रोड शो और गंगा आरती के दौरान भगवा वस्त्र पहने और एक मई को अयोध्या भी जाएंगे। अपने प्रधानमंत्रित्वकाल में वह पहली बार अयोध्या जा रहे हैं। इन दोनों प्रयासों का मकसद सीधे तौर पर हिन्दू वोट को एकजुट करना है।

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