Saturday 27 April 2019

कैप्टन और बादल दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर

पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर चुनावी शतरंज की बिसात बिछ गई है तथा इस चुनाव में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह तथा पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल प्रमुख प्रकाश सिंह बादल की प्रतिष्ठा दांव पर है। शिअद और कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची आ जाने के बाद अब चुनावी परिदृश्य साफ हो गया है कि बेशक आम आदमी पार्टी मैदान में है पर मुख्य मुकाबला शिअद और कांग्रेस के बीच है। कैप्टन इस चुनाव को लेकर इतने गंभीर हैं कि उन्होंने अपने मंत्रियों तक को चेतावनी दे डाली कि लोकसभा चुनाव में अगर मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने में विफल होते हैं तो उन्हें कैबिनेट से हटा दिया जाएगा। कैप्टन ने कहा कि इसके अलावा उन विधायकों को भी आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं दिया जाएगा जो अपने विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित नहीं कर पाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी आलाकमान ने यह लक्ष्य प्रदेश में मिशन 13 को हासिल करना है। कांग्रेस आलाकमान के निर्णय के अनुसार पंजाब के मौजूदा मंत्री अगर पार्टी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने में विफल रहते हैं, खासतौर से अपने निर्वाचन क्षेत्र में, तो उन्हें मंत्री पद से हटा दिया जाएगा। पिछली बार कांग्रेस ने कुछ युवाओं को टिकट दी थी लेकिन इस बार दो नौजवान विधायकों को टिकट दिया है। पटियाला सीट पर आप पार्टी के डॉ. धर्मवीर गांधी से पिछले चुनाव में हारी परनीत कौर को कांग्रेस ने इस बार फिर टिकट दिया है। इस बार आप पार्टी को अपनों से जितना खतरा है उतना दूसरों से नहीं। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ तथा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह का कहना है कि राज्य की सभी 13 सीटों पर कांग्रेस जीतेगी तथा केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनाने में राहुल गांधी के हाथ मजबूत करेगी। उधर अकाली दल का चुनाव प्रचार लंबे समय से चल रहा है और उसने अपने उम्मीदवार पहले ही तय कर लिए थे। उसे कुछ नुक्सान इसलिए हो सकता है कि उससे अलग हुए गुट के चुनाव मैदान में आने से पंथक वोटों के बंटने की आशंका है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी मुक्तसर जिले में लोगों से सम्पर्प कर रहे हैं। हालांकि अब उनकी उम्र धुआंधार प्रचार की इजाजत नहीं देती, फिर भी वह अपनी पुत्रवधू हरसिमरत कौर के प्रचार में लगे हुए हैं। बादल का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किए वादे पूरे नहीं किए। किसानों की हालत जस की तस है। केंद्र सरकार ने राज्य में अनेक विकास कार्य किए और मोदी सरकार की वापसी तय है।
-अनिल नरेन्द्र


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