दोबारा भारी बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में लौटी
मोदी सरकार ने छह महीने में ही ताबड़तोड़ फैसले लेकर खलबली मचा दी। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले पाकिस्तान के अंदर बालाकोट
में हवाई हमला करके एयर स्ट्राइक से सनसनी फैलाने के बाद सत्ता में लौटने पर नरेंद्र
मोदी ने एक के बाद एक सियासी-सामाजिक फैसले किए। विवादित तीन
तलाक की प्रथा को खत्म करने के लिए कानून बनाया, जो काम पिछले
दशकों से नहीं हो सकता था वह जम्मू-कश्मीर में धारा 370
को हटाने का काम कर दिया। नागरिकता संशोधन कानून पारित कराना मोदी सरकार
की इस साल की महत्वपूर्ण उपलब्धियां रहीं। इसी के साथ एनआरसी की घोषणा कर दी। हालांकि
इसका पूरे देश में जमकर विरोध भी हो रहा है। पूरे देश में इसे लेकर आशंकाएं बनी हुई
हैं और देशवासियों में खासकर अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना बनी हुई है। जगह-जगह लाठीचार्ज हो रहे हैं और तमाम छात्र इसके विरोध में सड़कों पर उतरे हुए
हैं। साल के आखिर में सरकार को अप्रत्याशित विरोध झेलना पड़ रहा है। पिछले साढ़े पांच
साल के कार्यकाल में मोदी को ऐसा पहली बार जन विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यह साल
आम चुनाव का था। इसलिए मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल के आखिरी साल में अंतरिम बजट पेश
कर चुनावों में जाने की घोषणा की थी। पाकिस्तान के सीमा क्षेत्र में बम बरसाने का साहस
दिखाकर मोदी ने पाकिस्तान को सबक सिखाया कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए किसी
भी हद तक जा सकता है। मई 2019 में सम्पन्न हुए चुनाव में 307
सीटें जीतकर भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौटे प्रधानमंत्री ने एक से
बढ़कर एक निर्णय लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। जम्मू-कश्मीर
से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने के लिए
भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1952
में ही आंदोलन शुरू किया था। भाजपा के कोर एजेंडे में यह तीन मुद्दे
शामिल थे, जिनमें 370 हटाना, राम मंदिर का निर्माण और समान नागरिक संहिता लागू करना शामिल था। मोदी सरकार
की तीन तलाक की कुप्रथा को समाप्त करने के लिए संसद से विधेयक पारित कराना बड़ी उपलब्धि
रही क्योंकि पिछले कार्यकाल में तीन बार की कोशिशों के बावजूद सरकार विधेयक पारित नहीं
करा पाई थी। नागरिकता संशोधन कानूनöमोदी सरकार ने कई वर्षों से
भारत में रह रहे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक
उत्पीड़न झेलकर भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन कानून
बनाया। चुनाव से पहले सरकार ने केवल सीमांत किसानों को 6000 रुपए
की आर्थिक सहायता दी। चुनाव जीतने के बाद इस योजना को सभी किसानों पर लागू किया गया।
अब कुल 12 करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। देश की अर्थव्यवस्था
को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मोदी सरकार ने 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला किया है। इस फैसले से बैंकिंग
सेक्टर व बैंकों की प्रणाली में सुधार होगा और बैंकों के बेवजह के खर्चे बचेंगे। अंग्रेजों
के जमाने का मोटर वाहन अधिनियम में आमूलचूल परिवर्तन करना, तमाम
श्रम कानूनों को समाप्त करना, उनकी जगह लेबर कोड लाना,
पानी की समस्या पर फोकस करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन करना,
रेलवे की आठ सेवाओं को मर्ज कर एक ही सेवा का गठन करना शामिल है। चंद्रयान-2
की लांचिंग बड़ी उपलब्धि रही। हालांकि यह अभियान पूर्ण सफलता प्राप्त
नहीं कर पाया। साल के आखिरी में मोदी सरकार को भारी जनाक्रोश झेलना पड़ा। नागरिकता
संशोधन कानून को लेकर विपक्ष ने अल्पसंख्यकों के मन में भय फैलाया। इसके कारण वे सड़कों
पर उतर आए और देश के अनेक हिस्सों में तोड़फोड़, आगजनी की घटनाएं
हुईं। अल्पसंख्यको में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है तो वहीं छात्रों को देश की
आर्थिक स्थिति को देखते हुए सड़कों पर उतरना पड़ा। बेरोजगारी, गिरता उत्पादन, नौकरियों का थोक भाव में जाना मोदी सरकार
की आर्थिक विफलता दर्शाता है। कुल मिलाकर मोदी सरकार ने कई अच्छे फैसले किए और कुछ
विवादास्पद।
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