Saturday, 25 January 2020

प्रशांत किशोर ने दी अमित शाह को चुनौती

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस कथन से कि नागरिकता संशोधन कानून किसी सूरत में वापस नहीं होगा, जिसने इसका विरोध करना है करे, से यह तो स्पष्ट हो गया कि सरकार किसी हालत में अपने कदम पीछे नहीं लेगी। यह सख्त चुनौती उन लोगों के लिए है जो देशभर में इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं। विपक्षी दलों की मांग है कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून वापस ले। लेकिन सरकार अपने फैसले पर दृढ़ है और तमाम विरोध प्रदर्शनों के बावजूद उसने गजेटियर में कानून को शामिल कर लिया। इस तरह संवैधानिक रूप से नागरिकता संशोधन कानून अमल में आ गया है। बिहार में जनता दल (जदयू) भाजपा के सहयोग से सरकार चलाने वाली पार्टी के नेता स्वयंभू चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान कि जिसे विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होगा पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि यदि शाह नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी. (एनआरसी) का विरोध करने वालों की परवाह नहीं करते तो मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि अपने वादे के मुताबिक इस कानून को लागू क्यों नहीं करते? शाह तो संसद में सीएए और एनआरसी लागू करने की घोषणा भी कर चुके हैं। गौरतलब है कि शाह ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कथा पार्प में सीएए के समर्थन में आयोजित विशाल जनसभा में सीएए का विरोध कर रहे विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा थाöमैं डंके की चोट पर कहता हूं कि जिसे विरोध करना है करे लेकिन सीएए वापस नहीं होने वाला है। प्रशांत किशोर सीएबी से लेकर सीएए और एनआरसी का लगातार विरोध कर रहे हैं। एनआरसी और सीएए का लगातार विरोध कर रहे प्रशांत ने आगे कहा कि नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत का संकेत नहीं हो सकता है। अमित शाह, अगर आपको सीएए का विरोध करने वालों की फिक्र नहीं है तो फिर आप इन कानूनों को आगे क्यों नहीं बढ़ा रहे हैं? आप कानून को उसी तरह लागू करें जैसे कि आपने देश को इसकी क्रोनोलॉजी समझाई थी। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से सीएए की धाराओं पर स्पष्टीकरण मांगा और उन्होंने केंद्र पर इस मुद्दे को लेकर झूठ फैलाने का आरोप भी लगाया। दार्जिलिंग में सीएए के खिलाफ चार किलोमीटर लंबे विरोध मार्च का नेतृत्व करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि केंद्र सरकार केवल गैर-भाजपा शासित राज्यों में सीएए को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के गृहमंत्री हर दिन नए उपदेश दे रहे हैं। मैं उनसे यह स्पष्ट करने के लिए कहना चाहूंगी कि क्या किसी व्यक्ति को पहले विदेशी घोषित किया जाएगा और उसके बाद उसे सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन की अनुमति होगी?

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