Sunday 19 January 2020

सद्दाम के बंकरों ने बचाई अमेरिकी सैनिकों की जान

अमेरिका से चल रहे तनाव के बीच ईरान ने फिर एक बार अमेरिकी सेना को निशाना बनाया है। ईरान ने गत मंगलवार देर रात बगदाद के नजदीक स्थित एक एयरबेस को निशाना बनाकर कत्यूरा रॉकेट से हमला किया। इराकी सेना ने बताया कि इस एयरबेस पर अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। इस हमले में हालांकि किसी के हताहत होने या नुकसान की जानकारी सामने नहीं आ सकी। ईरान के हमले से बचने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने अपदस्थ इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन के समय बने बंकरों में छिपकर अपनी जान बचाई थी। अब सामने आई तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि इराक स्थित अमेरिकी एयरबेसों पर ईरानी मिसाइलों ने किस कदर तबाही मचाई। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने बताया कि पहला मिसाइल हमला सात जनवरी की रात करीब 1.34 बजे पर हुआ। फिर 15-15 मिनट पर दो घंटे तक मिसाइलें गिरती रहीं। सैनिकों की रात डर व भय के साथ गुजरी, हालांकि करीब ढाई घंटे पहले ही हमले की चेतावनी मिलने से जान बच गई। अमेरिकी वायुसेना के कमांडर कैप्टन लिबिंगस्वेन के मुताबिक सेना अपना बचाव अपने आप कर सकती है, पर मिसाइल हमले से बचाव करना नामुमकिन-सा है। कई टुकड़ियों ने सद्दाम राज में बने बंकरों में छिपकर जान बचाई। यह बंकर मिट्टी जैसे रंग के पिरामिड आधार के हैं। इनकी फिसलन भरी दीवारें दशकों पुरानी हैं। यह बंकर 1980 से 1988 के बीच बगदाद और ईरान के बीच हुए खूनी युद्ध के दौरान बने थे। अमेरिकी सेना जब बंकरों में जान बचाने के लिए पहुंची तो उसे इल्म नहीं था कि उन पर बैलिस्टिक मिसाइल का भी असर नहीं होगा। यह बंकर अमेरिकी सेना के लिए बनाए गए बंकरों से भी मजबूत निकले, जो रॉकेट और मोर्टार हमले को भी झेल सकते हैं। अमेरिकी सैनिक अकील फर्गुसन बताते हैं कि जब पता चला कि मिसाइल हमला होने वाला है तो हड्डियां कांप गईं। बेटी की याद आने लगी। मैं मरने के लिए भी 100 प्रतिशत तैयार हो चुका था, लेकिन बंकर ने जान बचा ली। आधे टन की मिसाइलों से सात फुट गहरा और नौ फुट चौड़ा गड्ढा हो गया। ईरान ने कमांडर कासिम सुलेमानी के अमेरिकी एयर स्ट्राक में मौत के बाद बदला लेते हुए मिसाइलें दागी थीं। ईरान ने इसमें कई अमेरिकी सैनिकों के हताहत होने का दावा किया था लेकिन वाशिंगटन ने इस दावे को खारिज कर दिया था। हालांकि ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने यह स्वीकारा था कि हमने मिसाइलों का हमला अमेरिकी सैनिकों को टारगेट करने के लिए नहीं किया था, उनका मकसद सिर्प अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना था।

-अनिल नरेन्द्र

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