Wednesday, 22 January 2020

अमित शाह की छाया से निकलना नड्डा के लिए बड़ी चुनौती होगी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अमित शाह की जगह नया अध्यक्ष मिल गया है। सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। पिछले साल जून से वह कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका में थे। भाजपा के 11वें अध्यक्ष बने नड्डा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश से हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नड्डा जी बहुत पुराने साथी रहे हैं। कभी स्कूटर पर बैठकर चलते थे और काम करते थे। इन पर जितना हक हिमाचल वालों का है, उससे ज्यादा हक बिहार वालों का है। नड्डा की पढ़ाई से लेकर कैरियर की शुरुआत तक सब बिहार से हुई है। अमित शाह का स्थान लेने से नड्डा जी के सामने कई चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती तो यह है कि अमित शाह की छाया से निकलने की? अमित शाह ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभालने के बाद पार्टी को जिस मुकाम तक पहुंचाया, नड्डा की तुलना उससे होगी ही। अमित शाह के कार्यकाल में भाजपा ने यूपी जैसे बड़े राज्य में जीत हासिल की, जहां माना जा रहा था कि जाति समीकरणों के हिसाब से भाजपा की राह आसान नहीं है। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने फिर से धमाकेदार वापसी की। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अमित शाह की इमेज एक सख्त नेता की है। अनौपचारिक बातचीत में पार्टी के कई नेता इस बारे में बता चुके हैं कि पार्टी में नेता का एक डर रहना चाहिए, क्योंकि इससे कार्यकर्ताओं में अनुशासन बना रहता है, लेकिन नड्डा की छवि सॉफ्ट नेता की है। उनके पद संभालने के बाद यह तुलना भी होगी। भाजपा शासित कई राज्यों में गुटबाजी की खबरें आम हैं। खुलकर तो कहीं अंदरखाते भाजपा के नेता दूसरे पार्टी नेताओं की जड़ें काटने की फिराक में रहते हैं। नड्डा इसे कितना रोक पाएंगे और अनुशासनहीनता पर कितना लगाम लगा पाएंगे, इस पर भी नजरें रहेंगी। कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर नड्डा अपनी कोई छाप नहीं छोड़ पाए। उनके कार्यकाल में महाराष्ट्र, झारखंड और ह]िरयाणा के विधानसभा चुनाव हुए। भले ही सारे फैसलों पर अमित शाह की छाप थी, लेकिन नड्डा यहां अपनी सशक्त मौजूदगी भी दर्ज नहीं करा पाए। नड्डा की पहली चुनौती चुनावों की दृष्टि से दिल्ली विधानसभा चुनाव है। इसी साल बिहार के भी चुनाव होने वाले हैं। देश की सबसे बड़ी पार्टी इस समय बड़ी चुनौतियों से भी घिरी है। सीएए, एनआरसी आदि पर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। कई राज्यों में सत्ता जा चुकी है। नड्डा के लिए अच्छा यह है कि पार्टी की धुरी और ब्रांड पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जैसे नेताओं का सहयोग और आशीर्वाद साथ है। भाजपा उनके साथ देशभर में पूरी तरह खड़ी है। लेकिन कश्मीर में 370 हटाने के फैसले से मिली माइलेज के बाद सीएए और एनपीआर तक पर भी विरोध की आवाजों के बीच नड्डा को पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश भरना होगा। नड्डा जी के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर बधाई।

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