Saturday 11 January 2020

आस्टेलिया में आग थमने का नाम ही नहीं ले रही

आस्ट्रेलिया में जंगल की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। आस्टेलिया के कुछ इलाके बुरी तरह आग की चपेट में हैं और लाखों हेक्टेयर इलाके इससे प्रभावित हुए हैं। रिकॉर्ड तोड़ने वाला तापमान और महीनों का सूखा पूरे आस्ट्रेलिया में जंगल की आग का कारण बना है। आग से निपटने की कोशिश कर रहे हजारों फायर फाइटर्स और वालिंटियर्स को बारिश से थोड़ी राहत मिली पर पिछले हफ्ते में आग और तेज हो गई है। अब तक 24 लोग मारे जा चुके हैं जिनमें तीन फायर फाइटर्स वालिंटियर्स भी शामिल हैं। इसके अलावा 63 लाख हेक्टेयर जंगल और पार्प आग में जल चुके हैं। आस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) है। यहां लगभग 50 लाख हेक्टेयर इलाके में आग लग चुकी है और 1300 घर तबाह हो चुके हैं। हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर शिविरों में जाना पड़ा है। आस्ट्रेलिया में आग फैलने का एक बड़ा कारण मौसम भी रहा है। गर्म, शुष्क मौसम के साथ तेज हवाएं आग के लिए बिल्कुल अनुकूल स्थितियां बना रही हैं। सोमवार को न्यू साउथ वेल्स में 130 जगह आग लगी हुई थी। झाड़ियों वाले इलाके, जंगल से ढंके पर्वत और राष्ट्रीय पार्प सभी इसकी चपेट में आ गए थे। आग 40 डिग्री तापमान और तेज हवाओं के कारण और ज्यादा भड़क गई। इससे आग बुझा रहे फायर फाइटर्स के ]िलए भी हालात और मुश्किल हो गए। विक्टोरिया राज्य में आठ लाख हेक्टेयर जमीन आग में जल चुकी है। यहां नवम्बर 2019 के अंत में शुरू हुई आग ने हाल के कुछ दिनों में ज्यादा तबाही मचाई है। इसमें दो लोगों की जान जा चुकी है और 43 घर जल चुके हैं। स्विस-आधारित समूह एयर विजुअल के अनुसार आस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा प्रमुख वैश्विक शहरों में वायु गुणवत्ता के मामले में शुक्रवार को तीसरी सबसे खराब जगह पाई गई। आगे मौसम के तेज हवाओं, आंधी, बिजली गिरने से बेहद गर्म और शुष्क होने की आशंका है। इससे आग लगने का खतरा और बढ़ सकता है। आस्ट्रेलिया में पहले भी भयंकर आग लग चुकी है पर इस बार लगी आग आमतौर पर लगने वाली जंगल की आग से ज्यादा विशाल है। 2019 में अमेजन की जंगल की आग में न्यू साउथ वेल्स में करीब नौ लाख हेक्टेयर का नुकसान हुआ था। 2018 में कैलिफोर्निया की आग में आठ लाख हेक्टेयर का नुकसान हुआ था। लेकिन न्यू साउथ वेल्स की आग से प्रभावित जमीन का कुल क्षेत्र दक्षिण इंग्लैंड के अधिकांश हिस्सों के बराबर होगा। आग लगने के लिए कई बार लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन अकसर यह प्राकृतिक कारणों से ही होती है जैसे कि सूखी झाड़ियों पर बिजली गिरने से। एक बार जब आग लग जाती है तो उसके आसपास के इलाके भी खतरे में आ जाते हैं। हवा के जरिये आग दूसरे इलाकों तक फैल जाती है। आग से बनने वाला धुआं बादलों में इकट्ठा होता है जिससे बिजली गिरने की स्थितियां बन जाती हैं। फिर बिजली गिरने से दूसरी जगह आग पकड़ जाती है। आंकड़े दिखाते हैं कि आस्ट्रेलिया का तापमान 1910 के बाद एक डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। 1950 के बाद से तापमान ज्यादा गर्म होना शुरू हुआ है। उम्मीद की जाती है कि जल्द आग पर काबू पा लिया जाएगा।

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