पीड़ित पत्रकार के गोवा में
मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने, दिल्ली हाई कोर्ट से आरोपी को राहत नहीं
मिलने और गोवा पुलिस द्वारा तेजपाल को समन जारी करने के बीच सहकर्मी से दुष्कर्म
मामले में फंसे तहलका के मुख्य सम्पादक तरुण तेजपाल को लेकर अब सियासत भी तेज हो
गई है। जैसा कि आमतौर पर माना जाता है कि तेजपाल हमेशा से कांग्रेस पार्टी के
करीबी रहे हैं और तहलका ने हमेशा विपक्षी दलों के ही स्टिंग ऑपरेशन किए हैं, इसलिए
भारतीय जनता पार्टी ने तेजपाल के साथ कांग्रेस को लपेटने में कोई कसर नहीं छोड़ी
है। भाजपा की वरिष्ठ नेता व लोकसभा में
प्रतिपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने ट्विट के जरिये कांग्रेस नेता कपिल
सिब्बल पर बिना किसी का नाम लिए हमला बोला और आरोप लगाया कि एक केंद्रीय मंत्री जो
तहलका के संस्थापक और संरक्षक हैं तरुण तेजपाल का बचाव कर रहे हैं। सुषमा का इशारा
कपिल सिब्बल की तरफ है। सोशल मीडिया में (फेस बुक) तहलका के शेयर होल्डरों की एक
सूची लगी है जिसमें कपिल सिब्बल के कितने शेयर हैं बताया गया है। यह सही है या
फर्जी, इसके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। सोशल मीडिया में तो यह भी कहा गया है
कि वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम भी तेजपाल के करीबी हैं और गोवा में उस कार्यक्रम में
शामिल होते रहते हैं। सुषमा ने तो किसी कांग्रेसी मंत्री का नाम नहीं लिया था पर
जिस तरीके से कपिल सिब्बल ने पलटवार किया उससे तो यही जाहिर होता है कि सुषमा का
आरोप बिल्कुल निराधार नहीं है। तहलका मामले में भाजपा के प्रहारों का सामना कर रहे
कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने बुधवार को पलटवार करते हुए कहा कि मुख्य विपक्षी दल
और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बेवजह उन्हें बदनाम कर रहे हैं जबकि पत्रिका के
सम्पादक तरुण तेजपाल से उनका कोई संबंध नहीं है और न ही उनकी कंपनी में उनके कोई
शेयर हैं। सिब्बल ने सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहे उन संदेशों का भी जवाब दिया
जिनमें दावा किया जा रहा है कि तेजपाल उनकी बहन के बेटे हैं और तहलका में कानून
मंत्री के 80 फीसद शेयर हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की बेबुनियाद बातों पर मुझे
खेद है। मुझे संघ और भाजपा से उम्मीद नहीं थी कि यह इस स्तर पर उतर आएंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता पीसी चॉको ने गुजरात में एक युवती की कथित गैर-कानूनी विवाद को
तेजपाल प्रकरण से जोड़ दिया जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री
मोदी के कहने पर तेजपाल पर गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने कार्रवाई तेज की। जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता
एम. वेंकैया नायडू ने भाजपा की मिलीभगत के तेजपाल के आरोप पर कटाक्ष करते हुए
मंगलवार को कहाöक्या लिफ्ट में तहलका सम्पादक के भीतर भाजपा की आत्मा चली गई थी?
अभी वह कह रहे हैं कि भाजपा शासित गोवा की बजाय उनके मामले को किसी अन्य राज्य में
चलाया जाए, कल कहेंगे कि इसे देश के बाहर ले जाया जाए। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर
पार्रिकर ने कहा कि अपने किए के लिए तरुण तेजपाल का गोवा सरकार को जिम्मेदार
ठहराना हास्यास्पद है। वह पहले ही छह महीने के लिए पद से हटकर अपराध स्वीकार कर
चुके हैं। फिलहाल तरुण तेजपाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उनकी किसी भी समय
गिरफ्तारी हो सकती है। गोवा पुलिस ने गुरुवार को तीन बजे तक हाजिर होने के समन
भेजकर इसके साफ संकेत दे दिए हैं।
-अनिल नरेन्द्र
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