Sunday 10 November 2013

आसाराम निर्दोष हैं या दोषी अब अदालत तय करेगी

ऐसे लोगों की आज भी कमी नहीं जो आसाराम को एक संत मानते हैं और कहते हैं कि उन्हें जबरदस्ती फंसाया जा रहा है और वह पूरी तरह निर्दोष हैं। अगर ऐसा है तो अदालत में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा क्योंकि अब अदालत में  बाकायदा चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। बुधवार को राजस्थान की जोधपुर पुलिस ने आसाराम और अन्य के खिलाफ 1021 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। उन्हें आईपीसी की 14 से भी अधिक धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है। बुधवार को जोधपुर सेंट्रल जेल में बन्द आसाराम को उनके चार साथियों के साथ पुलिस ने सेशन कोर्ट में पेश किया। चार्जशीट में 58 गवाहों के बयान हैं। चार्जशीट पेश होने के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को 16 नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हिरासत खत्म होने के दिन ही आरोपों पर बहस होगी। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने उनके इंदौर के आश्रम से 31 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उन पर छिंदवाड़ा आश्रम के गुरुकुल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था और पुलिस ने 20 अगस्त को मामला दर्ज किया था। यदि चार्जशीट में लगाए गए आरोप साबित हो जाते हैं तो आसाराम को 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। जोधपुर पुलिस की ओर से आसाराम और अन्य आरोपियों के खिलाफ 77 दिनों में 1021 पन्नों की चार्जशीट तैयार की गई है। जिसमें मामले से जुड़े 121 दस्तावेज व 58 गवाहों की सूची भी शामिल है। आसाराम के खिलाफ आईपीसी की 342 (गलत ढंग से कैद करना, 276 (2) (एफ) नाबालिग से रेप, 376 (डी) रेप, 354 (ए) महिला का शील भंग करना, 506 डराना और धमकाना और 102 अपराध के लिए उकसाना समेत 14 धाराएं लगाई गई हैं। आसाराम के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और पॉस्को एक्ट के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों में 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। चार्जशीट के अनुसार पीड़िता को साजिश के तहत आसाराम के जोधपुर के मणई आश्रम स्थित कुटिया तक लाया गया। इस अंधेरी कुटिया में आसाराम पहले से ही मौजूद थे। उसने वहां पर डेढ़ घंटे तक पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता के अधिक विरोध करने पर उसे यह धमकी देते हुए बाहर भेजा गया कि अगर यह बातें किसी को बताईं तो उसे जान से मार दिया जाएगा। केस में आसाराम को प्रमुख आरोपी बनाया गया है जबकि आश्रम की वार्डन शिल्पी, आश्रम के डायरेक्टर शरत चन्द्र, आसाराम के रसोइया प्रकाश और आसाराम के सेवादार शिवा को आरोपी बनाया है। रेप के आरोप में घिरे आसाराम के कभी समर्थक रहे लोगों का गुस्सा अब फूटने लगा है। उनके कुछ पुराने समर्थक रहे लोगों ने वलसाड स्थित उनके आश्रम के कुछ हिस्सों को जला कर राख कर दिया। दिलचस्प व चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने बताया कि जिन लोगों ने आश्रम में आग लगाई उन्होंने पहले आश्रम के लिए जमीन दान में दी थी। अब यह लोग आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ रेप के आरोप सामने आने के बाद गुस्से में हैं। गौरतलब है कि सूरत की दो बहनों ने आसाराम और साईं के खिलाफ रेप का आरोप लगाया है। आसाराम की जमानत अर्जी एक फिर हाई कोर्ट के रिजैक्ट हो गई है जब बेटा नारायण साईं तब से भागा फिर रहा है और अभी तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई हालांकि पुलिस ने उसके सभी ठिकानों पर छापे मारे हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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