सोमवार का दिन आम आदमी पार्टी के
मुखिया अरविंद केजरीवाल पर भारी पड़ा। सोमवार को केजरीवाल पर दोहरा हमला हुआ। पहला
तो स्याही फेंकने का और दूसरा अन्ना हजारे के पत्र का। आम आदमी पार्टी के मुखिया
अरविंद केजरीवाल सहित कई नेताओं पर एक पेस कांपेंस के दौरान एक व्यक्ति ने काली
स्याही फेंक दी। यह हरकत करने वाले नचिकेता ने दावा किया कि वह अन्ना हजारे को
अपना गुरू मानते हैं और केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने हजारे और जनता के साथ
धोखा किया है। इस व्यक्ति ने संवाददाता सम्मेलन स्थल पर केजरीवाल और उनके साथ बैठे
उनके सहयोगियों मनीष सिसौदिया, संजय सिंह, पशांत भूषण और शांति भूषण की ओर काले
रंग के पेंट का डिब्बा फेंका। थोड़ा-सा पेंट केजरीवाल के चेहरे पर गिरा और कुछ
सिसौदिया, पशांत भूषण और संजय सिंह पर गिरा। केजरीवाल ने किसी पार्टी का नाम लिए
बिना कहा कि यह उन लोगों का कारनामा है जिनके हितों को `आप' की बढ़ती लोकपियता से
चोट पहुंच रही है। केजरीवाल ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा और
कांग्रेस दोनों की हालत खराब है। दूसरा हमला समाजसेवी अन्ना हजारे का लेटर बम था।
इस पत्र में अन्ना हजारे ने आंदोलन के नाम पर जमा हुए धन का `आप' के नेता केजरीवाल
से ब्यौरा मांगा और अपना नाम किसी भी तरह से इस्तेमाल न करने की हिदायत दी। पत्र
में अन्ना ने चिंता जताई कि पार्टी कोष पर सवाल उठ रहे हैं। अन्ना ने आंदोलन के
समय इकट्ठे हुए पैसे का ब्यौरा मांगा और कहा कि आप के चुनाव में यह पैसा खर्च नहीं
किया जाना चाहिए। जनलोकपाल और व्यवस्था परिवर्तन के लिए संसद का काम बताते हुए
अन्ना ने कहा कि यह काम विधानसभा का नहीं है। इसके जवाब में केजरीवाल ने अपनी
पार्टी के खाते और अन्ना हजारे को मिले दान के बारे में लगे आरोपों की स्वतंत्र व
खुली जांच कराने का पस्ताव किया। आप संयोजक ने कहा कि मैं अन्ना जी से अनुरोध करता
हूं कि वह न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े सहित जिससे भी चाहें व्यापक जांच करा लें और
रिपोर्ट को 48 घंटे के भीतर सार्वजनिक कर दिया जाए ताकि कांग्रेस और भाजपा कोई भी
कोष को लेकर लोगों में भ्रम न फैला पाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह दोषी पाए
जाते हैं तो वह अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेंगे और चुनाव मैदान छोड़ देंगे। अन्ना
हजारे और अरविंद केजरीवाल में शायद पहली बार तल्खी भरा संवाद हुआ। बहुत कुछ कह गई
अन्ना की यह चिट्ठी। हालांकि दोनों ने एक-दूसरे के पति शब्दों में भावनात्मक रुख
अपनाया फिर भी यह पत्राचार बहुत कुछ बयां कर गया। पत्र के माध्यम से आप से चुनाव
अभियान और फंड से जुड़ी बातों पर कई सवालों के जवाब मांगे हैं अन्ना ने। अन्ना ने
पत्र के अंत में यह कहकर अरविंद को एक बड़ी राहत भी दे दी, मुझे पता है कि इन सारी
बातों में कोई सच्चाई नहीं है। अरविंद के मुताबिक यह चिट्ठी उन्हें रविवार को मिली
थी। जब उन्हें चिट्ठी सौंपी गई तो एक बार लगा कि अन्ना का कोई आशीर्वाद होगा।
हालांकि जब चिट्ठी का दूसरा पैरा शुरू हुआ तो कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। खास
बात यह थी कि पत्र में अन्ना ने अपनी तरफ से कोई सवाल नहीं किया। उन्होंने जितने
भी सवाल उठाए उनका आधार किसी न किसी संगठन से मिली शिकायत रहा है। मसलन अन्ना के
नाम को चुनाव पचार में भुनाना। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह सदैव अन्ना का सम्मान
करते हैं भले ही वह साथ हों या नहीं हें लेकिन उनका आशीर्वाद मेरे साथ है। स्याही
फेंकने वाले नचिकेता ने जो अरविंद पर कागज फेंके उनमें भी काफी गंभीर आरोप लगाए गए
हैं। उन पर अमेरिका का एजेंट बताते हुए अन्ना का इस्तेमाल करने, लोकपाल आंदोलन का
फायदा उठाकर अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने, आंदोलन के दौरान जनता को भड़काने जैसे कई
आरोप लगाए हैं। उसकी मांगों में फोरेन फंडिंग पर बैन लगाने, शराबी वोटरों के वोट
डालने पर रोक लगाने, वोटिंग को अनिवार्य बनाने, आर्मी के सीकेट दस्तावेज लीक होने
के मामले में केजरीवाल की भूमिका की जांच कराने, उनकी विदेश यात्राओं और उन्हें
मिल रही विदेशी फंडिंग की जांच कराने जैसी मांगें पमुख हैं।
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