Friday, 22 November 2013

मोदी की हत्या की आईएसआई ने दाउद इब्राहिम को दी सुपारी

भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आतंकवादियों के निशाने पर हैं, यह चेतावनी कई बार आ चुकी है। चुनाव के दौरान यह नेतागण सुरक्षा प्रबंधों को कभी-कभी लांघ कर सुरक्षा की अनदेखी कर देते हैं। हम पहले ही राजीव गांधी को खो चुके हैं। राजीव जी भी आईबी और भारतीय गुप्तचर एजेंसियों की चेतावनी को ओवररूल कर श्रीपेरुम्बदूर सभा में गए और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी थी, इसलिए सभी पार्टी के नेताओं को गुप्तचर एजेंसियों से थोड़ा कोऑपरेट करके चलना चाहिए। अगर जान है तो जहान है। ताजा अलर्ट नरेन्द्र मोदी को लेकर हुआ है। इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के इनपुट के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की हत्या की सुपारी दाउद इब्राहिम को दी है। मोदी पहले से ही कई उग्रवादी संगठनों के निशाने पर हैं। हाल ही में हमने पटना के गांधी मैदान की रैली में देखा था कि किस तरह सीरियल ब्लास्ट हुए थे। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इंटेलीजेंस ब्यूरो के चेतावनी नोट में यह भी कहा गया है कि मोदी को सिर्प भारत में ऑपरेट कर रहे आतंकी संगठनों से खतरा नहीं है बल्कि आईएसआई के अलावा सउदी अरब से ऑपरेट कर रहे आतंकियों से भी है। नोट में कहा गया है कि सउदी अरब में काम कर रहे कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों में भी मोदी की हत्या करने की साजिशें चल रही हैं। सउदी अरब से ऑपरेट करने वाले शाहिद उर्प बिलाल का इस सिलसिले में खासतौर से नोट में जिक्र किया गया है। शाहिद ने अपने एक सहयोगी से कहा है कि रिमोट कंट्रोल से विस्फोट करने की बजाय सुसाइड अटैक, आत्मघाती हमला ज्यादा बेहतर और कारगर होगा। चिन्ता का विषय यह है कि यह सम्भावना भी जताई गई है कि देश के कुछ सिक्यूरिटी अधिकारी भी आतंकी संगठनों की मदद कर सकते हैं। आईबी के अनुसार प्रतिबंधित संगठन सिमी दूसरे संगठनों से कोआर्डिनेट कर रही है और नरेन्द्र मोदी पर हमले के लिए इन संगठनों से मदद मांग रही है। हाल में पकड़े गए सिमी के कुछ कार्यकर्ताओं से पता चला है कि यह आतंकी संगठन सुसाइड विंग के लिए शाहीन के नाम से ट्रेनिंग कैम्प भी चला रहे हैं। नोट में एक और खतरे की भी चेतावनी दी गई है। वह है माओवादियों से खतरे की। आतंकी संगठन मोदी पर हमले के लिए कई विकल्पों पर काम कर रहे हैं। रॉकेट लांचर्स, एआईडी से मोदी के काफिले पर घात लगाकर हमला, विस्फोटों से भरी गाड़ी को उड़ाना या उनकी गाड़ी से विस्फोटों से भरी हुई गाड़ी को टकराना भी सम्भव है। आत्मघाती हमला भी हो सकता है। सिमी के लोग लश्कर-ए-तैयबा, हरकत-उल जिहाद अल-इस्लामी और जैश-ए-मोहम्मद के सम्पर्प में है। जैसा मैंने कहा कि चुनाव के समय टॉप के नेताओं के लिए बहुत बड़े खतरे का समय होता है। संतोष की बात यह है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तो एसपीजी सुरक्षा प्राप्त है, इसलिए अगर वह खुद अपनी सुरक्षा में लापरवाही न बरतें तो वह कुछ हद तक सुरक्षित हैं पर नरेन्द्र मोदी को एसपीजी सुरक्षा प्राप्त नहीं है। जैड प्लस सिक्यूरिटी उतनी प्रभावशाली नहीं है जितनी एसपीजी इसलिए उन्हें अपनी सुरक्षा पर खास ध्यान देना होगा। किसी भी तरह की लापरवाही से आगामी कुछ महीने बचने में ही समझ है।

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