योग गुरू बाबा रामदेव द्वारा यूपीए सरकार के खिलाफ बोलना
उन्हें भारी पड़ सकता है। बाबा रामदेव पर कांग्रेस नेतृत्व ने कानूनी शिकंजा कसने
की पहल तेज कर दी है। एक उद्देश्य यह लगता है कि बाबा को केसों में इतना फंसा दो
कि वह इस चुनावी अभियान में भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के साथ
ज्यादा सियासी तहलका न मचा सकें। उल्लेखनीय है कि लम्बे समय से बाबा रामदेव
कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ तीखे हमले बोल रहे हैं। वह खुलकर कांग्रेस अध्यक्ष
सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भ्रष्ट बताने में कोताई नहीं बरत रहे।
पिछले कई महीनों से बाबा देशभर में घूम-घूम कर काले धन और कांग्रेस के खिलाफ
राजनीतिक मुहिम चलाने में लगे हैं। कुछ दिनों से तो वह दिन-रात नरेन्द्र मोदी के
नाम की ही माला जप रहे हैं। बाबा पर अंकुश लगाने के लिए उनके पतांजलि आश्रम के
खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने कानूनी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके तहत हरिद्वार
जिला प्रशासन ने बाबा रामदेव के चार ट्रस्टोंöदिव्य योग मंदिर ट्रस्ट हरिद्वार,
पतांजलि योग पीठ ट्रस्ट हरिद्वार, पतांजलि आयुर्वेदिक लिमिटेड पदार्थो हरिद्वार और
पतांजलि विश्वविद्यालय एवं योग पीठ ट्रस्ट के खिलाफ कुल 83 मुकदमे विभिन्न धाराओं
में दर्ज किए हैं। इनमें 10 करोड़ रुपए जमीनों की खरीद-फरोख्त में स्टाम्प ड्यूटी
की चोरी का मामला भी दर्ज है। यह जानकारी बुधवार को देहरादून में मुख्यमंत्री विजय
बहुगुणा ने दी। पतांजलि ट्रस्ट के मुखिया बाबा रामदेव हैं। यह ट्रस्ट बड़े पैमाने
पर आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण करता है। इस कारोबार का सालाना टर्नओवर एक हजार
करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गया है। उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार है। मुख्यमंत्री
बहुगुणा ने कहा कि भ्रष्टाचार और काले धन की मुहिम चलाने वाले स्वामी रामदेव दूध
के धुले नहीं हैं। उन्होंने पूर्व की भाजपा सरकार से मिलकर सरकार की तमाम जमीन
अपने ट्रस्ट के लिए मुफ्त हड़प ली थी। ऐसी जमीनों का पता लगाकर पतांजलि आश्रम से
मुक्त करा लिया जाएगा। जिन अधिकारियों ने गैर कानूनी ढंग से बाबा रामदेव के
कारोबार में मदद की है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पतांजलि ट्रस्ट के मुख्य
कर्ताधर्ता आचार्य बाल कृष्ण ने कहा है कि
राजनीतिक कारणों से कांग्रेस आलाकमान के इशारों पर यह उत्पीड़न की कार्रवाई हो रही
है। चाहे 81 की जगह 810 मुकदमे करा दे हम पीछे हटने वाले नहीं और न ही डरने वाले
हैं। बाबा की बयानबाजी से कांग्रेस आलाकमान सख्त नाराज है। दिग्विजय सिंह जैसे
कांग्रेसी नेता उन्हें कोसते रहते हैं। दरअसल दो साल पहले दिल्ली के रामलीला मैदान
में बाबा ने यूपीए सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन किया था। जब गिरफ्तार करने की
नौबत आई तो बाबा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए महिलाओं के कपड़े पहन लिए। बाबा ने
दावा किया कि उन्हें मारने की योजना थी और जान बचाने के लिए उन्हें ऐसा करना पड़ा।
उस रात रामलीला मैदान में पुलिस ने भयंकर लाठीचार्ज किया जिसमें एक महिला की मौत
हो गई और दर्जनों बाबा के अनुयायी घायल हुए थे। इस प्रकरण के बाद बाबा और कांग्रेस
के बीच तनातनी बढ़ गई। कहा जा रहा है कि उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार ने उनके ट्रस्टों
के खिलाफ जो कानूनी शिकंजा कसा है उसके पीछे की रणनीति बाबा रामदेव के आक्रामक
तेवरों को पस्त करने की है। रामदेव के लोगों को आशंका होने लगी है कि इन मामलों की
आड़ में सरकार योग गुरू को गिरफ्तार न कर ले। आचार्य बाल कृष्ण को तो वह गिरफ्तार
कर ही चुकी है। देखें, आगे क्या होता है?
-अनिल
नरेन्द्र
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