Thursday, 14 November 2013

वसूली और घूसखोरी के मामलों से दिल्ली पुलिस की छवि पभावित

दिल्ली पुलिस की छवि को कुछ मुट्ठीभर भ्रष्ट पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह गिरा दिया है। हाल ही में दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर बीएस बस्सी ने चार्ज संभालते ही पाथमिकताएं गिनाते हुए कहा था कि सबसे पहले सभी डिपार्टमेंटों में घूसखोरी की बढ़ती समस्या पर लगाम लगाने का पयास करेंगे। मगर बीते बुधवार को वसूली के चक्कर में एक ऐसी घटना घटी जिसकी शायद ही किसी की कल्पना रही हो। दिल्ली पुलिस की नेहरू प्लेस पुलिस चौकी में चल रही अवैध उगाही का पर्दाफाश करने पर पुलिसकर्मियों ने काइम ब्रांच की टीम पर ही गोलियां चला दीं। पुलिसकर्मी काइम ब्रांच के नाम पर लोगों को उठाकर इस यूनिट में लाते थे और उगाही करते थे। इसके तीन दिन बाद शनिवार को नेब सराय में पुलिसवालों को घूस न मिलने पर ऑटो चालक के पिता पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने की करतूत सामने आई। शनिवार शाम इस घटना के बाद आरोपियों पर हत्या के पयास और जबरन उगाही का मामला दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया। पीड़ित उदयचंद को 90 पतिशत जली हालत में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उदयचंद के ऑटो चालक बेटे नवीन ने बताया कि जेजे कॉलोनी खानपुर की बीट पर मौजूद कांस्टेबल राजकुमार और सुरेन्द ने उससे 20 हजार रुपए मांगे। मना किया तो उन्होंने नवीन की पिटाई शुरू कर दी। फिर नवीन के पिता को फोन कर बुलाया वहां पहुंचकर उसके पिता ने रुपए देने के लिए समय मांगा तो उन्होंने उदयचंद को भी पीटना शुरू कर दिया और पास खड़े ट्रकों के पीछे ले गए। थोड़ी देर बाद उनके पिता जलते हुए निकले। आरोपी पुलिसकर्मी मौके से फरार हो गए। अपराध शाखा के नार्कोटिक्स विभाग में तैनात एक हवलदार के खिलाफ भी जबरन उगाही का मामला दर्ज किया गया है। दक्षिण दिल्ली में सकिय एक दलाल की शिकायत पर अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर लिया है। उसने बताया कि हवलदार  उसे झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर 60 हजार रुपए मांग रहा है। एफआईआर दर्ज होने के बाद से हवलदार संदीप कुमार फरार है। कुछ दिन पहले तिहाड़ जेल के अंदर कैदियों को सुविधाएं मुहैया कराने के आरोप में जेल के उपनिरीक्षक सुभाष शर्मा, हेड वार्डन देवेन्द्र, वार्डन कविता और ड्राइवर सुदेश को निलंबित किया गया। स्टिंग ऑपरेशन से मामला पकाश में आने के बाद पशासन ने मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। जांच के बाद यह कार्रवाई की गई। बताया गया है कि तिहाड़ जेल नं. 3 में रकम लेकर कैदियों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती थीं। चौंकाने वाली घटना तब सामने आई जब जनता की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली दिल्ली पुलिस के दो सुरक्षाकर्मियों ने एक नाबालिग से दुष्कर्म का पयास किया। घटना मुखर्जी नगर इलाके की है। वर्दी को दागदार करने वाले दोनों सिपाहियें को बर्खास्त कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार कमिश्नर बस्सी और  दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अफसर इन घटनाआंs से बहुत नाराज हैं। जिले के पुलिसवालों की मॉनिटरिंग और उन पर पकड़ ढीली होने से साउथ ईस्ट और साउथ के डीसीपी की टॉप अफसरों ने जमकर खिंचाई की। इलेक्शन मोड़ और दिल्ली पुलिस में घूसखोरी और वसूली की दो हैरान करने वाली वारदातें सियासी मुद्दा न बन जाएं, इसे लेकर गृह मंत्रालय ने भी दोनों मामलों को गंभीरता से लिया है। मुट्ठीभर भ्रष्ट अफसरों की वजह से दिल्ली पुलिस की तमाम अच्छी कामयाबियों पर पर्दा पड़ जाता है। कसूरवार पुलिसकर्मियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। दो-तीन मछलियां पूरे तालाब को गंदा कर देती हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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