Friday, 3 January 2014

आतंकवाद की चपेट में रूस ः 24 घंटे में दो धमाके

रूस में लगातार दो बम धमाकों ने चौंका दिया है। दक्षिण रूस के वोल्गोग्राद शहर में लगातार दूसरे दिन हुए आत्मघाती बम हमले में कम से कम 15 लोग मारे गए, 23 अन्य घायल हो गए। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि शहर के जेरिंस्की जिले में व्यस्त बाजार के पास एक ट्रॉली बस में विस्फोट हुआ। मारे गए 15 लोगों में एक साल का एक बच्चा भी है। विस्फोट जिस समय हुआ उस समय बाजार में बहुत भीड़ थी जिस कारण ज्यादा संख्या में  लोग हताहत हुए। इससे एक दिन पहले वोल्गोग्राद में एक रेलवे स्टेशन पर हुए आत्मघाती बम हमले में 18 लोग मारे गए थे और बीसियों घायल हो गए थे जबकि 21 अक्तूबर को हुए विस्फोट में सात लोग मारे गए थे। वोल्गोग्राद शहर सोची के 690 किलोमीटर उत्तर दक्षिण में स्थित है जहां आगामी फरवरी 2004 से शीतकालीन ओलम्पिक खेल होने वाले हैं। यह खेल रूस की सरकार के लिए नाक का सवाल बन गए हैं। वहीं दक्षिण रूस के कुछ हिस्सों को एक स्वतंत्र इस्लामिक देश के रूप में अलग करने की वकालत करने वाले आतंकवादी इन खेलों को न होने देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। गत जुलाई में उन्होंने एक वेबसाइट पर खेलों को रोकने के लिए पूरी ताकत लगाने की धमकी भी दी थी। अभी तक किसी संगठन ने इन विस्फोटों की जिम्मेदारी नहीं ली है। रेलवे स्टेशन पर हुए हमले के पीछे `ब्लैक विंडो' के नाम से कुख्यात साइबेरिया की मुस्लिम महिला ओक्साना अस्लानोवा का हाथ होने का संदेह जताया जा रहा है। द साइबेरियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधिकारियों को हमले की प्रारम्भिक जांच में 26 साल की ओक्साना पर ही संदेह है। अभी डीएनए जांच से इसका पता लगाया जा रहा है। वोल्वोग्राद का इतिहास भी दिलचस्प है। जब सोवियत संघ होता था तो इसे स्टालिनग्राद कहा जाता था। द्वितीय विश्व युद्ध की एक प्रमुख लड़ाई यहां लड़ी गई थी। हिटलर ने ढाई वर्ष तक स्टालिनग्राद को घेरे रखा था और स्टालिन ने यहां हिटलर की फौजों को हराया। द्वितीय महायुद्ध में यह स्टालिनग्राद की लड़ाई एक निर्णायक मोड़ साबित हुई और फिर हिटलर हारता ही चला गया। देश के दक्षिणी हिस्से को एक स्वतंत्र इस्लामिक देश के रूप में अलग करने की वकालत करने वाले आतंकी ओलम्पिक खेल नहीं होने देना चाहते। यह रूस के राष्ट्रपति  ब्लादिमीर पुतिन के लिए अब प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। सुरक्षा चाक-चौबंद करने के आदेश देकर उन्होंने वैश्विक जगत को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि रूस हजारों आगंतुकों की सुरक्षा करने में हर तरह से सक्षम है। ताजा समाचार के अनुसार वोल्गोग्राद में हुए इन दो आत्मघाती हमलों में घायल हुए दो लोगों के दम तोड़ने के बाद इन हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है। मंत्रालय ने आपात स्थिति की घोषणा की है। इन दो आत्मघाती हमलों ने पूरे देश में भय का माहौल बना दिया है। इसी के साथ फरवरी में सोची में होने वाले शीतकालीन ओलम्पिक्स की सुरक्षा को लेकर भी आशंकाएं जताई जा रही हैं। वोल्गोग्राद  शहर सोची से 690 किलोमीटर दूर है। राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की पूरी कोशिश सोची खेलों को सफल बनाने के साथ-साथ पूरी दुनिया को यह दिखाना  है कि रूस एक आधुनिक और सफल राष्ट्र भी है। लेकिन इन विस्फोटों ने दुनिया के साथ-साथ रूसियों के मन में भी सुरक्षा को लेकर आशंका पैदा कर दी है। हम उम्मीद करते हैं कि आतंकवादियों का राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन समय रहते सफाया कर देंगे। वोल्गोग्राद का चयन हमले के लिए इस कारण किया गया क्योंकि यह महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र और द्वितीय विश्व युद्ध में रूस की विजय का प्रतीक है।

-अनिल नरेन्द्र

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