Thursday 30 January 2014

केजरीवाल एंड कंपनी की तीस दिन की बैंलेंस शीट

अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पाटी सरकार एक महीने का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। 28 दिसम्बर को मुख्यमंत्री पद की केजरीवाल ने शपथ ली थी। सरकार गठन के साथ ही आप नेतृत्व ने एक पखवाड़े के भीतर कई बड़े वायदे पूरे करने का संकल्प किया था। इस दिशा में सरकार ने काम भी किया है लेकिन उसके सभी संकल्प पूरे नहीं हुए। इस बीच कई ऐसी घटनाएं हुईं जिनको लेकर सरकार की साख भी धूमिल हुई है। अपनों के बीच भी इस सरकार की लोकपियता का ग्राफ गिरा है। इसको लेकर नेतृत्व चिंतित भी है और डेमैज कंट्रोल की कोशिशें तेज हो गई हैं। सरकार ने वायदेनुसार पत्येक परिवार को 666 लीटर निशुल्क पानी की व्यवस्था की है। बिजली का बिल आधा करने का वायदा भी था, सरकार ने इसमें राहत देकर इसे आंशिक तौर पर पूरा कर लिया है। स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए हेल्पलाइन शुरू की है। रिटेल मार्केट एफडीआई रोकने के लिए सरकार ने संकल्प लिया है। यह वायदे तो जरूर एक हद तक पूरे हुए हैं लेकिन इस बीच कई ऐसे काम भी हुए हैं जिनको लेकर सरकार की खासी आलोचना हो रही है। सरकार ने एक तरफ निशुल्क पेयजल की व्यवस्था की है दूसरी तरफ चुपचाप पानी की दरों में दस फीसदी इजाफा भी कर दिया है। कानून मंत्री सोमनाथ भारती लगातार विवादों में हैं। पहले उन्होंने जजों की बैठक बुलाकर विवाद पैदा कर दिया। इसको लेकर मंत्रालय के सचिव से ही उनकी भिड़ंत हो गई थी। 15-16 जनवरी की रात में कानून मंत्री ने खिड़की एक्सटेंशन में छापेमारी करके एक बड़े विवाद को न्यौता दे दिया। कुछ अफीकन महिलाओं ने छापे के दौरान बदसलूकी करने का मामला कानून मंत्री के खिलाफ दर्ज कराया है। चार पुलिस वालों के ट्रांसफर के मुद्दे को लेकर केजरीवाल समेत उनकी पूरी सरकार ने धारा 144 को तोड़कर रेल भवन के सामने धरना दिया। कोर्ट ने इस पर सख्त ऐतराज किया है और इस में कानून तोड़ने के कारण केजरीवाल एंड कंपनी फंस सकती है। केजरीवाल एंड कंपनी दावा करती है कि सोमनाथ भारती का खिड़की एक्सटेंशन में ड्रामे को भारी जन समर्थन मिला है। इस विषय पर हम एबीपी-न्यूजöनीलसन का ताजा सर्वे पस्तुत करना चाहते हैं। दिल्ली की आधी से ज्यादा जनता का कहना है कि सोमनाथ भारती ने खिड़की एक्सटेंशन में सैक्स और ड्रग्स के नाम पर आधी रात को जिस तरह छापेमारी की उससे आम आदमी पाटी की छवि को नुकसान हुआ है। इसके साथ ही आधी जनता इस घटना के बाद अरविंद केजरीवाल के धरने को जायज भी ठहरा रही है। सर्वे के दौरान जब दिल्ली की जनता से सवाल किया गया कि क्या खिड़की एक्सटेंशन की घटना के बाद आम आदमी पाटी की छवि धूमिल हुई तो 55 फीसदी जनता का मानना था कि आप की छवि को नुकसान हुआ है। हालांकि 40 फीसदी लोगों ने इससे इंकार किया। इस तरह जब लोगों से पूछा गया कि खिड़की एक्सटेंशन की घटना के बाद केजरीवाल का अपने मंत्रियों के साथ धरने पर बैठना सही था तो आधी जनता यानी 50 फीसदी ने इसे गलत बताया। हालांकि थोड़ कम यानि 48 फीसदी जनता इस मुद्दे पर केजरीवाल के साथ दिखी। केजरीवाल की सरकार बने एक महीना हो गया है और खुद केजरीवाल का दावा है कि बीते एक महीने में उन्होंने जो काम कर दिया है आज तक किसी सीएम ने नहीं किया है। बीते एक महीने में सरकार के कई फैसलों पर बवाल मचा, सवाल उठे और क्लाईमैक्स था आप के विधायक विनोद कुमार बिन्नी की बगावत।

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