Tuesday, 7 January 2014

कोलकाता की निर्भया मांगे इंसाफ

दिल्ली की निर्भया के दोषियों को तो सजा मिल गई लेकिन क्या कोलकाता की निर्भया को इंसाफ मिल सकेगा? टैक्सी ड्राइवर की 16 वर्षीय लड़की से आरोपियों ने तब गैंगरेप किया जब वह थाने में कम्पलेंट करके लौट रही थी। दरिंदे यहीं नहीं रुके और उसे जिंदा जला दिया। 26 अक्तूबर 2013 को इस अभागी नाबालिग लड़की से पहली बार बलात्कार हुआ था। जब अगले दिन उसने मामला दर्ज कराया तो आरोपियों ने फिर बलात्कार किया। 23 दिसम्बर को जब वह घर में अकेली थी तब एक समूह उसके घर पहुंचा और उसे आग के हवाले कर दिया। 65 फीसदी जली हुई अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के बिस्तर पर उसने पुलिस को एक बयान दिया था, जिसमें उसने पूरी घटना की श्रृंखलाबद्ध तरीके से जानकारी दी थी। इसके बावजूद पुलिस ने इस मामले को आत्म हत्या बताकर रफा-दफा करने का प्रयास किया। लड़की के पिता ने बताया कि लड़की के बयान के बावजूद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज नहीं किया। हालांकि एयरपोर्ट डिवीजन के डीसीपी निंबालकर संतोष उत्तमराव ने मीडिया के सामने माना था कि पुलिस ने पीड़िता का मृत्यु से पूर्व बयान लिया था। आरजी कार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि लड़की के बयान लिए जाने के वक्त वह वहां मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हमने सुना था कि लड़की ने पुलिस को कहा कि उसे आग के हवाले कर दिया गया था। सामूहिक बलात्कार की शिकार 16 वर्षीय लड़की के पिता ने बुधवार को पुलिस पर आरोप लगाया है कि उसने उन्हें धमकाया और शव अपने गृह राज्य बिहार ले जाने को कहा। हालांकि पुलिस ने इन आरोपों से इंकार किया है। पेशे से टैक्सी चालक लड़की के पिता ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार की रात उन्हें बुलाया और धमकाते हुए शव के साथ बिहार जाने को कहा। उन्होंने आरोप यह भी लगाया कि पुलिस अधिकारियों के साथ कुछ गुंडों ने भी धमकी दी और कहा कि अगर वह उनकी बात नहीं मानेंगे तो उन्हें टैक्सी चलाने से रोका जाएगा। मंगलवार को लड़की के अंतिम संस्कार को लेकर वाम दलों के कार्यकर्ताओं से देर रात तक बहस होती रही। दरअसल लड़की के पिता वाम पार्टियों के मजदूर संघ सीटू से जुड़े हैं। मंगलवार रात जब शव को मुर्दाघर ले जाया जा रहा था तब पुलिस ने परिवार की अनुमति के बिना शव का अंतिम संस्कार करने की कोशिश की पर वाम दल कार्यकर्ताओं के जबरदस्त विरोध  के कारण पुलिस ऐसा नहीं कर पाई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि पीड़िता प्रेग्नेंट थी। भारी पब्लिक प्रेशर की वजह से पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों के खिलाफ हत्या का अब मामला दर्ज कर लिया है। लेकिन इस मामले में लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं, डर यह है कि कहीं बीच में ही इंसाफ न लटक जाए। बंगाली अखबार आनंद बाजार पत्रिका ने पश्चिम बंगाल पुलिस के हवाले से लिखा है कि पोस्टमार्टम में लड़की की कोख में भ्रूण के संकेत मिले हैं। नाबालिग लड़की के साथ इस शर्मनाक वारदात के खिलाफ बुधवार को कोलकाता में जबरदस्त प्रदर्शन हुए। उसकी बानगी गुरुवार को दिल्ली में देखने को मिली। इससे पहले सीपीएम और दूसरे वाम संगठनों की अगुवाई में सैकड़ों लोग लड़की की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। अब तक छह आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से पीड़िता के परिजनों को एक लाख रुपए का चेक दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि इस घिनौने कांड में शामिल दरिंदों को जल्द सख्त से सख्त सजा मिलेगी और अभागी लड़की को इंसाफ।

No comments:

Post a Comment