Saturday 26 July 2014

रेलवे कर्मियों की मुस्तैदी और सूझबूझ से बड़ा हादसा टला

बड़े रेल हादसों के पीछे आमतौर पर रेल कर्मचारियों की आपराधिक लापरवाही की चर्चा होती है लेकिन हाल ही के प्रकरण में कहानी बदल गई। रेलकर्मियों की मुस्तैदी और सूझबूझ के चलते भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई। हादसा बाल-बाल टला। हादसा आधी रात को हुआ। रेलवे के सूत्रों के अनुसार रात एक बजकर 10 मिनट पर नक्सलियों ने गया (बिहार) के पास सिवास गांव के सामने गया रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा लैंडमाइंस के विस्फोट से उड़ा दिया था। विस्फोट इतना भयानक था कि करीब चार फुट पटरियां उड़ गईं जबकि डाउन लाइन से जोधपुर एक्सप्रेस आ रही थी। विस्फोट की आवाज सुनकर ड्राइवर ने घटना स्थल से पहले ही यह ट्रेन भी  रोक दी। वरना हादसे की चपेट में यह ट्रेन भी आ सकती थी। जोधपुर एक्सप्रेस भी कुछ सैकेंडों के अन्तर से ही चपेट में  आने से बची। लेकिन भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस को तो नक्सलियों ने टारगेट बनाया था। ऐसे में महज 10-15 मिनट पहले विस्फोट के जरिये ट्रैक उड़ाया गया था। लेकिन रेलकर्मियों को पटरियों से गुजरने से पहले पायलट इंजन दौड़ाया तो यह हादसा टला। पायलट इंजन पटरी से उतरकर क्षतिग्रस्त हो गया। यह हादसा होते ही पायलट इंजन के ड्राइवर ने मुस्तैदी दिखाते हुए पीछे के स्टेशन पर तुरन्त खबर कर दी। इसके बाद राजधानी एक्सप्रेस को आगे बढ़ने से रोक दिया गया। इस मामले की जानकारी जब राजधानी एक्सप्रेस के यात्रियों को मिली तो वह बगैर हादसे के ही बेचैन हो गए। इनमें से कुछ यात्री तो इतना घबरा गए थे कि वह राजधानी एक्सप्रेस से आगे यात्रा ही नहीं करना चाहते थे। लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने घबराए हुए यात्रियों को समझाया तब वह आगे यात्रा जारी रखने पर राजी हुए। घटना स्थल का दौरा करने के बाद रेलवे के अधिकारियों ने मीडिया को जानकारी दी कि यदि अपनी पूरी स्पीड में भुवनेश्वर राजधानी टूटे हुए ट्रैक से गुजरती तो इसका कोई भी डिब्बा सुरक्षित नहीं बचता। हादसा इतना भयानक होता कि इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने इस मामले में रेलवे कर्मियों की मुस्तैदी की तारीफ की है। जिन अधिकारियों और कर्मियों ने सतर्पता दिखाई है उन्हें इनाम देने की भी तैयारी की जा रही है। दरअसल सुरक्षा बलों के भारी दबाव के कारण नक्सली  बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के आगमन से ठीक पूर्व पटरी उड़ाने की घटना को गृह मंत्रालय इसी नजरिये से देख रहा है। हालांकि पायलट इंजन के आगे चलने के कारण नक्सलियों की यह साजिश बेकार साबित हो गई लेकिन गृह मंत्रालय को आशंका है कि नक्सली फिर ट्रेनों को निशाना बना सकते हैं, इसलिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ट्रेनों की चौकसी बढ़ाने के निर्देश राज्यों को जारी किए गए हैं। इस घटना के बाद गृह मंत्रालय ने बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चलने वाली सभी ट्रेनों के आगे पायलट इंजन चलाने के लिए कहा है। हम मुस्तैदी दिखाकर बड़े हादसे को टालने के जिम्मेदार रेलवे अधिकारियों की सराहना करते हैं जो उनके कारण सैकड़ों जानें बच गईं।
-अनिल नरेन्द्र


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