Saturday, 19 July 2014

भारतीय युवाओं के आईएसआईएस में शामिल होने की आशंका

इस बात की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी कि इराक में जारी खूनी संघर्ष में कुछ भारतीय युवा भी शामिल हो सकते हैं लेकिन अब ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि यहां के कुछ युवा आईएसआईएस जैसे खूंखार आतंकी संगठन में शामिल होकर वहां हिंसा में लिप्त हैं। एक अंग्रेजी समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के चार मुस्लिम लड़के धार्मिक यात्रा पर इराक गए थे। वहां पहुंचकर चारों लड़के उन 22 लोगों के ग्रुप से अलग हो गए जिनके साथ वह इराक गए थे। बताया जा रहा है कि यह चारों लड़के आईएसआईएस के जेहाद के नाम पर खूनी संघर्ष में शामिल हो गए हैं। इनमें से एक के पिता ने पुलिस में शिकायत कर सरकार से सहायता की मांग की है और उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है जिन लोगों ने इस काम के लिए उन्हें उकसाया है। मुंबई से सटे कल्याण में रहने वाले एजाज बदरुद्दीन का बेटा आरिफ एजाज माजिद भी आईएसआईएस में शामिल होने वाले नौजवानों में से एक है। एजाज का कहना है कि उनका बेटा इराक जाने से पहले घर में एक चिट्ठी छोड़ गया था जिसमें उसने लिखा था कि `मेरे घर के पिछवाड़े सूरज डूब रहा है। मैंने अपने दोस्तों से कहा है कि हमें अपनी महान यात्रा शुरू करनी है। यह यात्रा मेरे लिए खुदा की नेमत होगी क्योंकि मैं इस देश में नहीं रहना चाहता हूं। जब मेरी मौत होगी तो खुदा मुझसे पूछेगा कि मैं अल्लाह की जमीन पर क्यों नहीं गया। अब आपसे जन्नत में मुलाकात होगी।' एजाज ने यह चिट्ठी मुंबई पुलिस को सौंपी है और अपने बेटे को सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगाई है। जानकारी के मुताबिक आरिफ एजाज माजिद (22), शाहीन फारुकी टाकी (24), फहद तनवीर शेख (25) और अमन नईम टंडेल (24) 23 मई को घर से चले गए थे। तीन ने परिजन के लिए पत्र भी छोड़े। मामले की गम्भीरता  को देखते हुए महाराष्ट्र का आतंकरोधी दस्ता (एटीएस), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और खुफिया एजेंसियां जांच में जुट गई हैं। इस बीच यह भी खबर आई है कि भारत के करीब 18 लोग इराक में आईएसआईएस का हिस्सा बन गए हैं यह लोग संगठन की तरफ से जारी लड़ाई में हिस्सा ले रहे हैं। यही नहीं कि भारत के युवा आईएसआईएस में शामिल हो रहे हैं बल्कि समस्या यह भी है कि इराक और सीरिया से दहशत मचा रही इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया के दहशतगर्दों से भारतीयों ने ट्रेनिंग ली है और अब वापस लौटकर भारत में तबाही के निशाने ढूंढ रहे हैं। पिछले दिनों पुणे के एक पुलिस थाने के पास हुए बम विस्फोट के पीछे क्या आतंकियों की इस नई पौध का हाथ है? पुलिस ने दक्षिण और पश्चिम भारत के ऐसे डेढ़ दर्जन नौजवानों की शिनाख्त की है जिन्हें बहका कर सीरिया और इराक ले जाया गया है और वहां खूनखराबे में झोंक दिया गया है। चिन्ता की बात यह भी है कि आईएसआईएस के मुखिया अबु बकर बगदादी ने खुद को इस्लामी राज्य का खलीफा घोषित कर जिन देशों में तबाही फैलाने का प्लान बनाया है उनमें भारत भी शामिल है। केवल भारत ही नहीं बल्कि यूरोप, अमेरिका और आस्ट्रेलिया में भी मुस्लिम युवकों को इंटरनेट पर बहकाया जा रहा है।
-अनिल नरेन्द्र


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