Sunday, 20 July 2014

फिर सुलगा मध्य पूर्व एशिया

मध्य पूर्व एशिया एक बार फिर अशांत हो गया है। इस्राइल और फलस्तीन के बीच भयंकर युद्ध छिड़ गया है जो थमने का नाम ही नहीं ले रहा। उल्टा फैलता ही जा रहा है। दोनों देश एक बार फिर उस मोड़ पर खड़े हैं जहां से आगे का रास्ता नजर नहीं आ रहा है। दरअसल ताजा संघर्ष तब शुरू हुआ जब फलस्तीनी लड़ाकों ने जिसको हमास कहते हैं ने एक हमले में तीन इस्राइली किशोरों की मौत हो गई। इसके बाद इस्राइल ने जवाबी कार्रवाई शुरू की और वह बढ़ती ही जा रही है। पिछले 10 दिन में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं। बुधवार को इस्राइल के हमले किए जिसमें गाजा के समुद्र तट पर खेल रहे एक ही परिवार के चार बच्चों की मौत हो गई। सभी बच्चे नौ से 11 साल के थे। इन बच्चों की मौत की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। तस्वीरें हमले से कुछ क्षण पहले की हैं जिसमें बच्चे खेल रहे हैं। तभी रॉकेट ठीक उसी जगह गिरता है। इसके बाद रेत पर पड़े बच्चों के शव लेकर भागते परिजनों की तस्वीरें सामने आईं। इन बच्चों के शव फतह मूवमेंट के पीले झंडों में लपेटे गए थे न कि हमास के हरे झंडों में। जिसका संदेश यह था कि हमले में केवल हमास के आतंकी ही नहीं बल्कि निर्दोष बच्चे व नागरिक भी मर रहे हैं। 10 दिन के भीतर वहां 200 से अधिक लोग मारे गए हैं। इनमें अधिकांश निर्दोष नागरिक हैं। कहने को गाजा में 2012 से संघर्ष विराम की स्थिति थी लेकिन हकीकत यह है कि वहां राख के नीचे दबी आग को थोड़ी-सी हवा की जरूरत थी। इस्राइल अपना कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं है और फलस्तीन अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र की पहल पर हुए कुछ घंटों के संघर्ष विराम में अलबत्ता लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन वहां हिंसा रोकने की ठोस पहल की सख्त जरूरत है। आम नागरिकों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। हवाई हमलों और नाकेबंदी के कारण आम नागरिकों को रोजमर्रा की जरूरत का सामान जुटाने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां तक भारत का सवाल है तो इस्राइल और फलस्तीन दोनों से ही पुराने रिश्ते हैं। इसके अलावा पश्चिम एशिया में हजारों भारतीय रहते हैं और वह हमारे लिए तेल का भी बड़ा जरिया है। ऐसे में वहां किसी भी तरह की अस्थिरता न तो उस क्षेत्र के लिए अच्छा है और न ही भारत के लिए। जाहिर है कि भारत सरकार वहां के हालात पर कड़ी निगरानी रख रही है। संसद में भी इस मुद्दे को लेकर सियासी टकराव बना हुआ है। आवश्यकता इस बात की है कि इस जंग को सियासी मुद्दा बनाने की जगह देशहित को ध्यान में रखकर इस बार विचार हो। कोशिश तो यह भी होनी चाहिए कि इस्राइल और फलस्तीन में छिड़ी इस जंग को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहल करें। उधर जंग का क्षेत्र बढ़ता नजर आ रहा है। इस्राइली सेना ने फलस्तीनी हमास के खिलाफ गाजा में जमीनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। इस्राइली प्रवक्ता का कहना है कि यह कार्रवाई चरमपंथियों के रॉकेट दागने और हमास को मजबूत झटका देने के लिए की जा रही है जो गाजा पर नियंत्रण कायम किए हुए है।

-अनिल नरेन्द्र

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