Wednesday, 30 July 2014

आम आदमी की थाली से गायब होतीं सब्जियां

सर्वाधिक गरीब आबादी से संबंधित एक सूची में भारत का स्थान सबसे ऊपर आया है। हालांकि 1990 से 2010 के बीच दक्षिण पूर्व एशिया में गरीबी दर में कमी आई है। यह बात संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में कही गई है। जारी रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सभी गरीब लोगों का 32.9 फीसदी हिस्सा भारत में रहता है। यह अनुपात चीन, नाइजीरिया और बंगलादेश के अनुपात से भी ज्यादा है। जहां एक ओर गरीबों को बढ़ती महंगाई खा रही है वहीं दूसरी ओर राजधानी में सब्जियों ने गरीब की थाली को तारे दिखा दिए हैं। सब्जियों के दिनोंदिन चढ़ते भाव लोगों की तालियों से इन्हें दूर कर रहे हैं। मसाले के लिए टमाटर-प्याज का इस्तेमाल तो बंद-सा ही हो गया है। राजधानी में सभी सब्जियां 60 रुपए किलो से ऊपर ही मिलेंगी। सब्जी की वजह से नौकरीपेशा, रोजमर्रा कमाने वालों का बजट गड़बड़ा गया है और पॉकेट इतनी ज्यादा ढीली करनी पड़ रही है कि दिल्लीवासी सोचने पर मजबूर हैं कि खाएं तो खाएं क्या? महंगाई इतनी बढ़ गई है कि कुछ सप्ताह में कुछ सब्जियों के दाम दोगुने से भी अधिक बढ़ गए हैं। टमाटर ने तो ऐसी करवट ली कि दो सप्ताह में ही दाम तीन गुना हो गया। सब्जियों के दामों में आए उछाल के बाद लोगों को कुछ सब्जियां खरीदनी मुश्किल हो गई हैं। जहां 100 रुपए में चार दिन की सब्जियां आ जाती थीं, वहीं अब 100 रुपए की सब्जी एक दिन के लिए भी पूरी नहीं पड़ती। सबसे सस्ता है कद्दू वह भी 20 रुपए किलो। राणा प्रताप बाग से आजादपुर मंडी मार्केट में सब्जी लेने आई एक गृहिणी का कहना है कि अब दोनों वक्त की जगह एक वक्त ही सब्जी बनती है और कई बार तो उसे भी छोड़ने का मन करता है। कोशिश यही रहती है कि कम से कम कीमत वाली सब्जी ले लूं पर यहां तो सभी सब्जियों के दाम एक जैसे ही हैं। सब्जियां तो लेनी ही पड़ेंगी बस यही हो सकता है कि उनकी क्वांटिटी कम की जाए। वहीं वसुंधरा की एक गृहिणी का कहना है कि मैं तो सब्जियां खरीदने आई हूं। ज्यादातर पति ही ले आते हैं सब्जियां लेकिन आज मैं आई तो दाम सुनकर ही दंग रह गई। वह कहती हैं कि अब सब्जियां खाना आम आदमी के बस में नहीं है। टमाटर, आलू, प्याज जैसी बुनियादी सब्जियां ही इतनी महंगी हैं कि बस जी करता है सब्जी खाना ही छोड़ दें। आम आदमी की थाली से तो सब्जी ऐसे गायब होती जा रही है जैसे इनके `पर' लग गए हैं। अब तो प्याज, टमाटर को भी लिस्ट से हटाना पड़ रहा है। बच्चों को स्कूल के टिफिन में रोज सब्जी ले जानी होती है, उनको समझाना बहुत मुश्किल हो जाता है। अभी सब्जियों के दाम और भी ऊपर जाएंगे। बारिश के सीजन में वैसे ही दाम बढ़ते हैं और दशहरे तक ऐसा ही चलेगा। आजादपुर मंडी में प्याज 15 रुपए से 30 रुपए किलो तक मिल रही है। आलू 16 से 18 रुपए किलो और टमाटर 40 से 60 रुपए किलो। फूल-गोभी 80 रुपए प्रति किलो। बैंगन जैसी सब्जी 60 रुपए किलो, भिंडी 60 रुपए, करेला 50 रुपए, घीया 50 से 60 रुपए, खीरा 30 रुपए और शिमला मिर्च 40 से 60 रुपए प्रति किलो बिक रही हैं और इस सबके उपरांत शहर के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग दाम हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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