Wednesday, 16 July 2014

अलविदा ब्राजील अब 2018 में रूस में मुलाकात होगी

ब्राजील के रियो डी जनेरियो में बने एस्टिडिओ डी मराकन स्टेडियम में जब फीफा विश्व कप के फाइनल में जर्मनी और अर्जेंटीना की टीमें एक-दूसरे से भिड़ने के लिए तैयार हो रही थीं तो ग्लोब के दूसरे सिरे पर मौजूद भारत में फुटबाल के लाखों प्रशंसक अपने घरों या क्लबों में, रेस्तरां में उसी उत्साह और जुनून के साथ शेष दुनिया के फुटबाल प्रेमियों के साथ इस मुकाबले का लुत्फ उठाने की बेकरारी में थे। भारतीय फुटबाल प्रेमियों ने इस बार फाइनल मैच के दौरान एक अनूठा रिकार्ड बनाया है। अनुमान के मुताबिक भारत में विश्व कप फुटबाल का फाइनल देखने वालों की संख्या 7.5 से 8 करोड़ के बीच हो सकती है जो भारतीय टीवी इंडस्ट्री में अब तक की सबसे बड़ी टीवी व्यूअरशिप होगी। इतनी ही नहीं महीने भर चले इस टूर्नामेंट के दौरान ब्राजील के बाद भारतीयों की सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एगेनमेंट रही और फुटबाल की बढ़ती लोकप्रियता ने देश में उन लोगों की उम्मीदों को बल दिया है जो जुनून की हद तक क्रिकेट को पसंद करने वाले इस मुल्क में फुटबाल को प्रोमोट करने के बारे में सोच रहे हैं। फीफा वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में मेजबान  ब्राजील को 7-1 से मात देकर इरादे जताने वाली जर्मनी की टीम ने आखिरकार 24 साल बाद फुटबाल का विश्व खिताब जीत लिया। ब्राजील के रियो डी जनेरियो में खेला गया फाइनल मैच निर्धारित समय तक गोल रहित बराबरी पर छूटा और फैसला अतिरिक्त समय में हुआ। 112वें मिनट में जर्मनी के मारियो गोएट्स का गोल निर्णायक साबित हुआ। हालांकि खेल में 7 मिनट के करीब अभी भी बचे थे पर मैसी और उनकी टीम अर्जेंटीना गोल उतार नहीं पाई। जर्मनी की ओर से गोल करने वाले मारियो गोएट्स रातोंरात जर्मनी के हीरो बन गए। विडंबना देखिए मैच शुरू होने पर उन्हें टीम में नहीं उतारा गया। एक सबस्टिट्यूट खिलाड़ी के तौर पर बाद में उन्हें मैदान में उतारा गया। मैदान में आने से पहले उनसे जर्मन कोच ने कहा था कि तुम सिर्प खेलने नहीं जा रहे हो, तुम्हें साबित करना है कि तुम अर्जेंटीना के लियोनेल मैसी से बेहतर खिलाड़ी हो। इस हौसला अफजाई का असर ऐसा हुआ कि अतिरिक्त टाइम में मारियो गोएट्स ने अर्जेंटीना का किला  भेद दिया। उनके गोल से जर्मनी पहली यूरोपियन टीम बन गई जिसने दक्षिण अमेरिका में अपना झंडा गाढ़ दिया। विजेता टीम जर्मनी को 207 करोड़ रुपए इनाम के मिले। उपविजेता अर्जेंटीना को 148 करोड़ रुपए, तीसरी टीम (नीदरलैंड) को 130 करोड़ रुपए और चौथी टीम (मेजबान ब्राजील) को 120 करोड़ रुपए इनाम में मिले। 84 करोड़ मिले क्वाटर फाइनल में हारी प्रत्येक टीम को, 54 करोड़ मिले प्री क्वाटर फाइनल में हारी प्रत्येक 8 टीमों को। ब्राजील वर्ल्ड कप आयोजन पर अनुमान है कि 8000 अरब से ज्यादा खर्च आया है। इस वर्ल्ड कप को अनुमानित 2 अरब लोगों ने लाइव देखा। ये वर्ल्ड कप जहां ब्राजील की शर्मनाक हार के लिए याद रहेगा, वहीं उरुग्वे के सुआरेज द्वारा इटली के येलिनी को दांत से काटने के लिए भी याद रहेगा। यह विश्व कप इसलिए भी याद रहेगा कि इसमें ब्राजील के स्टाइकर नेमार की रीढ़ की हड्डी कोलंबिया के एक खिलाड़ी ने तोड़ दी। मैक्सिको के मोरने का पांव भी टूटा। 16 गोल मारकर जर्मनी के क्लोस वर्ल्ड कप में सर्वाधिक गोल मारने वाले खिलाड़ी बने। 14 गोल मेजबान ब्राजील ने खाकर नया रिकार्ड बनाया। रविवार को फाइनल मैच से पहले शकीरा व अन्य गायकों ने समा बांध दिया था। अब बात करते हैं रविवार को खेले गए इस फाइनल मैच की। यह सभी को लग रहा था कि जर्मनी की टीम बहुत बेलेंड है और वह पूरे टूर्नामेंट में बहुत अच्छा खेली है पर मैसी और अर्जेंटीना से बहुत उम्मीदें थीं। अर्जेंटीना अगर हारा है तो अपनी गलतियों की वजह से। दोनों ही टीमों ने मौके तो खूब बनाए लेकिन उनकी फिनिशिंग खराब रही और निर्धारित समय में एक भी गोल नहीं कर सकीं। फैसला अतिरिक्त समय तक टल गया। अर्जेंटीना को जबरदस्त मौके मिले। आठवें मिनट में मैसी करीब हाफ लाइन से गेंद लेकर आगे बढ़े और विपक्षी के पेनाल्टी एरिया में घुस गए। लेकिन उनके क्रास को लेने के लिए कोई दूसरा अर्जेंटीनी खिलाड़ी वहां मौजूद नहीं था। 21वें मिनट में अर्जेंटीना के पास बढ़त हासिल करने का सुनहरा मौका था, जब गेंद के साथ गोजालो हिग्वेन जर्मनी के पेनाल्टी एरिया में थे। हिग्वेन के सामने गोल पोस्ट में केवल गोलकीपर नायर खड़े थे, लेकिन वह शाट गोल पोस्ट के बाहर मार बैठे। 32वें मिनट में हिग्वेन ने अपनी गलती सुधारते हुए लावेज के पास गेंद को गोल पोस्ट के अंदर पहुंचा दिया। अर्जेंटीना टीम व प्रशंसक खुशी से पागल हो गए और जश्न मनाने लगे लेकिन कुछ ही क्षणों में उन्हें एहसास हुआ कि रेफरी ने आफ साइड की झंडी उठा रखी है और गोल नहीं माना जाएगा। अगर अर्जेंटीना पहला गोल कर लेता तो शायद मैच का रुख और होता। अर्जेंटीना ने 112 मिनट तक जर्मनी को रोके रखा इससे पता चलता है कि वह कितना अच्छा डिफेंस खेले पर गोल करने में चूक भारी पड़ी। इस विश्व कप में सबसे अधिक चमकने का मौका बहरहाल गोलकीपरों को मिला। रक्षण की अंतिम पंक्ति के रूप में पहचाने जाने वाले गोलकीपरों के ब्राजुका के रूप में विश्व कप के दौरान अनुकूल गेंद मिली, जिस पर चार साल पहले इस्तेमाल की गई जाबुलानी की तुलना में बेहतर अंदाजा लगाया जा सकता है। जर्मनी के मैनुएल नायर मौजूदा समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में से हैं। अर्जेंटीना के रिजोयो रोमेटो, मैक्सिको के गुइलेर्मो ओचाओ, कोस्टा रिका के नवास, अमेरिका के टिम होवार्ड और नीदरलैंड के सिर्प एक मिनट खेलने वाले गोलकीपर टिम क्रल ने अपनी छाप छोड़ी। जर्मनी ने ही सेमीफाइनल में ब्राजील को 7-1 से शिकस्त दी थी, लेकिन इसके बावजूद मेजबान टीम के प्रशासकों ने कहा कि वह पड़ोसी देश अर्जेंटीना की बजाय जर्मनी को वर्ल्ड कप उठाते हुए देखना चाहेंगे। फाइनल मैच में ब्राजील के लोगों ने जर्मनी के लिए चीयर किया। कुल मिलाकर बहुत अच्छा रहा फीफा वर्ल्ड कप। अलविदा ब्राजील अब 2018 में मास्को में मुलाकात होगी।

-अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment