बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के सितारे गर्दिश
में चल रहे हैं। विधानसभा चुनाव में करारी हार के सदमे से बहन जी अभी तक उभर नहीं सकीं।
अभी हार से उभरी नहीं कि उनके भाई और नोएडा प्राधिकरण के पूर्व क्लर्क आनंद कुमार की
सम्पत्तियों की जांच शुरू हो गई है। आयकर विभाग ने गत सप्ताह आनंद कुमार से जुड़ी लगभग
दर्जनभर कारोबारी इमारतों पर सर्वे ऑपरेशन शुरू किया। आयकर विभाग के छापे पूरे दिन
चले। आयकर विभाग ने कुछ बिल्डरों व आनंद व उनके सहयोगियों से करीबी कारोबारी रिश्ता
रखने वाले कुछ कारोबारी प्रतिष्ठानों के सर्वे किए और रिकार्ड की पड़ताल की। समझा जाता
है कि इस पड़ताल के दौरान आनंद कुमार व उनके सहयोगियों की कई कंपनियों में हिस्सेदारी
का पता लगाया जा रहा है। आयकर कानूनों के मुताबिक सर्वे के दौरान आयकर अधिकारी कारोबारियों
या कंपनियों के मालिकों के प्रतिष्ठानों का दौरा करते हैं। इसके तहत कारोबारी प्रतिष्ठान
के मालिकों की रिहायशी इमारतों पर छापे नहीं मारे जाते। सर्वे ऑपरेशन के तहत आयकर अधिकारी
कुमार और उनके सहयोगियों की कंपनियों की ओर से किए गए वित्तीय लेन-देन की प्रामाणिकता की भी जांच कर रहे
हैं। साथ ही इन कंपनियों में उनकी पूंजी हिस्सेदारी के स्ट्रक्चर, अनसिक्योर्ड लोन और लेनदारी की भी जांच चल रही है। अधिकारी इस बात का भी सबूत
तलाश रहे हैं कि कुछ बिल्डरों के यहां तो आनंद कुमार ने निवेश नहीं किया? भाजपा सांसद किरीट सोमैया का कहना है कि कुमार की सम्पत्तियों की जांच में
कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर होंगे। सोमैया ने अपनी वेबसाइट पर आनंद कुमार और उनकी पत्नी
का 51 कंपनियों से जुड़े होने का दावा कर रखा है। बीते वर्ष दिसम्बर
में निदेशालय ने नोटबंदी के दौरान आनंद कुमार और बहुजन समाज पार्टी के खाते में बड़ी
रकम जमा करने का खुलासा किया था। सोमैया की ओर से उपलब्ध कराए गए तथ्यों के आधार पर
आनंद कुमार, उनके परिवार और परिचितों ने 125 कंपनियों में बड़ा निवेश कर रखा है। वह 50 से अधिक छोटी-बड़ी कंपनियों में हिस्सेदार हैं। कई में वह निदेशक जैसे बड़े पदों पर हैं।
सोमैया का सवाल है कि कनिष्ठ सहायक क्लर्क से कई कंपनियों के निदेशक और हजार करोड़
रुपए की सम्पत्ति कैसे अर्जित कर ली। ऐसे में जांच होनी चाहिए। उन्होंने वर्ष 2011
में ही जांच की मांग की थी। सांसद की वेबसाइट पर आनंद कुमार और उनकी
पत्नी का कंपनियों और उसका लेखा-जोखा उपलब्ध कराया गया है। आनंद
कुमार ने अपने मित्रों के साथ मिलकर 100 से अधिक कंपनियां बनाईं।
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