अमेरिका ने अफगानिस्तान में सबसे बड़ा बम (मदर ऑफ ऑल बॉम्बस) गिराकर दुनिया को हैरानी में डाल दिया।
अमेरिकी सेना ने पूर्वी अफगानिस्तान में आईएस आतंकवादियों के छिपने के लिए इस्तेमाल
की जाने वाली गुफाओं पर अब तक का सबसे बड़ा बम गिराया। गुरुवार को यह अफगानिस्तान के
नायागढ़ प्रांत के जिस अचिन जिले में गैर परमाणु बम गिराया है वह पाकिस्तान की तारखाम
सीमा से महज 60 किलोमीटर दूर है। इस बम ने दो किलोमीटर तक का
क्षेत्र पूरी तरह से तबाह कर दिया और जहां गिरा वहां 300 से लेकर
400 मीटर तक गहरा गड्ढा हो गया। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता
एडम स्टम्प ने बताया कि यह पहला मौका है कि जब अमेरिका ने आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई
में इतने विशालकाय बम को गिराया है। इस बम का वजन 9717 मिलीग्राम
(10 हजार किलो) है जो जीपीएस निर्देशित
है। इसका परीक्षण इराकी युद्ध शुरू होने से पहले मार्च 2003 में
किया गया था। अमेरिकी सेना के सबसे बड़े गैर परमाणु बम हमले में कम से कम
36 आईएस आतंकी मारे गए और इस्लामिक स्टेट समूह का गहरा सुरंग परिसर तबाह
हो गया। अफगान अधिकारियों ने बताया कि हमले में किसी नागरिक के हताहत होने की खबर नहीं
है। अफगान राष्ट्रपति भवन ने बयान में
बताया कि नागरिकों को हताहत होने से बचाने के लिए पूरी सावधानी
बरती गई। एमसी-130 मालवाहक विमान के जरिये गिराए गए भारी बम से
हुआ विस्फोट 11 टन टीएनटी के विस्फोट के समकक्ष था। अगर परमाणु
बम को छोड़ दें तो ये दुनिया में मौजूद सबसे शक्तिशाली परंपरागत बम है।
2014 में बराक ओबामा ने जंग खत्म करने का ऐलान किया था लेकिन अमेरिका
ने अफगानिस्तान में अपनी टुकड़ी रखी है। अब आईएस वहां दोबारा जड़ें जमा रहा है जिसे
पाकिस्तान का पूरा समर्थन प्राप्त है। इस वजह से अमेरिका ने अपना मिशन दोबारा तेज कर
दिया है। आईएस की पूरी मदद कर रहा है आईएसआई, हक्कानी नेटवर्क।
अमेरिका का यह हमला आईएस के साथ-साथ पाकिस्तान के लिए भी चेतावनी
है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह तो संकेत दे दिए हैं कि वह आईएस और इस्लामी
आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में किसी भी हद तक जा सकते हैं। मदर ऑफ ऑल बॉम्बस (जीबीयू-43/बी/30 फुट (9
मीटर) लंबा और 9800 किलोग्राम
वजनी होता है। यह जीपीएस से संचालित होता है। इसे एक एमसी-130 ट्रांसपोर्ट प्लेन के कार्गो के डोर से फेंका जाता है। जमीन पर गिरते ही यह
बम फटता है। गिराते वक्त इसे पैराशूट से झटका दिया जाता है ताकि वह खिसक जाए। इसे
18000 एलबी टीएनटी से बनाया गया है।
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