Sunday, 9 April 2017

सीरिया का युद्ध निहायत खतरनाक दौर में

सीरिया में वर्षों से चल रहा युद्ध अब निहायत खतरनाक दौर में आ गया है। ताजा रिपोर्टों के मुताबिक सीरिया के पश्चिमोत्तर इदबिल प्रांत में खान शेखुन शहर में एक रासायनिक हमला हुआ है। तुर्की ने बृहस्पतिवार को कहा कि सीरिया हमले में तीन मृतकों के शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि खान शेखुन में रासायनिक हथियार का इस्तेमाल हुआ है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह हमला सीरिया के राष्ट्रपति असद सरकार की सीरियाई सेना ने किया है। इस हमले में करीब 100 लोग मारे गए, जिनमें 30 से ज्यादा बच्चे और 20 से ज्यादा महिलाएं हैं। यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है। क्योंकि पूरी रिपोर्ट अभी नहीं आई है और गैस के प्रभाव से 400 से अधिक लोग बीमार हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि ये मौतें रासायनिक गैस से हुई हैं। सीरियन आब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स, इदबिल में चैरिटी एंबुलेंस सर्विस आदि ने अपने-अपने तरीके से रासायनिक हमले की पुष्टि की है। रिपोर्ट तमाम हैं, लेकिन अभी यह कहना कठिन है कि रासायनिक हमला हुआ है या कोई और कारण है या हमला करने वाला कौन है? अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने इसके लिए सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को जिम्मेदार ठहराया है। पिछले छह साल से गृहयुद्ध में पहले भी असद सरकार पर रासायनिक हमले के आरोप लगे थे जिसका सरकार ने खंडन किया। उस समय भी यही कहा गया कि विद्रोही रासायनिक हमला करके सरकार को बदनाम कर रहे हैं। इस बार भी सरकार और सेना का यही बयान है तो आखिर सच क्या हो सकता है? रूस के रक्षा मंत्रालय के अनुसार एयरस्पेस कंट्रोल डाटा सीरिया के विमानों के खान शेखुन में आतंकवादियों के एक बड़े वेयरहाउस पर हमले की बात कर रहा है। उसके अनुसार इसमें बम बनाने वाली जहरीली चीजें रखी गई थीं। उसका अर्थ है कि हमले के कारण इन चीजों में ब्लास्ट हुआ है और उससे हुआ रिसाव का असर। संभव है कि यही सच भी हो। बहरहाल सीरिया में हुए इस रासायनिक हमले में अमेरिका ने बहुत बड़ी जवाबी कार्रवाई की है। न्यूयार्क न्यूज सर्विस के मुताबिक गुरुवार रात अमेरिका ने सीरियाई एयरबेस पर दर्जनों क्रूज मिसाइलें दागीं। यह पहली बार है जब व्हाइट हाउस ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के करीबी सैन्य दस्तों पर इस तरह की बड़ी कार्रवाई की है। इस हमले के  बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन का रुख बदल गया है। असद को सत्ता से हटाने पर जोर देते हुए रूस को सीरियाई सरकार को समर्थन पर दोबारा विचार करने को कहा है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि संयुक्त राष्ट्र ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई तो वह अकेला कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा। इसके बावजूद रूस आज भी असद के साथ खड़ा है। खान शेखुन शहर का दृश्य दिल दहलाने वाला था। नौ माह के मृत जुड़वां बच्चों को सीने से लगाए पिता की तस्वीर किसी की भी आंखों को नम कर देती है। उस दर्द की कल्पना ही की जा सकती है कि पिता ने क्षणभर पहले जिन बच्चों को गोद में लेकर पुचकारा था, वे अगले ही क्षण दम घुटने से उसी गोद में दम तोड़ गए थे। इस परिवार के 22 सदस्य इस कथित रासायनिक हमले में मारे गए। जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया तो इस युद्ध का खतरनाक विस्तार हो सकता है। अमेरिका और रूस आमने-सामने आ गए हैं। कुछ भी हो सकता है अगर यह मामला जल्द डिफ्यूज नहीं किया गया।

-अनिल नरेन्द्र

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